नई दिल्ली: एआई चिप (AI Chip) बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एनवीडियो कॉर्प (Nvidia Corp) पिछले कई महीनों से सुर्खियां बटोर रही है। माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी दुनिया की बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों में एनवीडिया से ज्यादा से ज्यादा चिप लेने की होड़ मची है। सऊदी अरब और यूएई भी कंपनी से हजारों चिप खरीद रहे हैं। चीन की कंपनियां टेंसेट और अलीबाबा भी एनवीडिया के दरवाजे पर खड़ी हैं। इससे पता चलता है कि एनवीडिया के चिप की दुनिया में कितनी डिमांड है। चैटबॉट और दूसरे टूल्स के बढ़ते चलन के कारण आने वाले दिनों में इसमें और तेजी आने की उम्मीद है। इस सबके बीच कंपनी के सीईओ जेनसन हुआंग (Jensen Huang) में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात की।मोदी ने हुआंग के साथ मीटिंग के बाद ट्वीट किया, ‘एनवीडिया के सीईओ जेनसन हुआंग के साथ मीटिंग शानदार रही। हमने एआई की दुनिया में भारत की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बात की। भारत ने इस सेक्टर में जो कदम उठाए हैं, हुआंग ने उनकी तारीफ की और वह भारत के प्रतिभावान युवाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं।’ कंपनी ने भी एक ट्वीट में भारत को ग्लोबर टेक्नोलॉजी सुपरपावर बताया। कंपनी ने कहा कि हुआंग की पीएम मोदी के साथ मीटिंग हमारे और ग्लोबल टेक्नोलॉजी सुपरपावर के बीच बढ़ती पार्टनरशिप को दर्शाती है।https://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/meet-jensen-huang-ceo-of-chipmaker-nvidia-who-met-prime-minister-narendra-modi/articleshow/103423212.cmsकौन हैं जेनसन हुआंगएनवीडिया की स्थापना जेनसन हुआंग ने की थी। हुआंग का जन्म 1963 में ताइवान में हुआ था। उनका बचपन ताइवान और थाईलैंड में गुजरा। साल 1973 में उनके माता-पिता ने उन्हें अमेरिका में अपने रिश्तेदारों के पास भेज दिया। कुछ दिन बाद वे भी अमेरिका चले गए। Nvidia की स्थापना अप्रैल 1993 में हुई थी। शुरू में यह कंपनी वीडियो-गेम ग्राफिक्स चिप्स बनाती थी। जब कंपनी का शेयर 100 डॉलर पर पहुंचा तो हुआंग ने अपने बाजू पर कंपनी के लोगो का टैटू बनवाया था। एनवीडिया फिलहाल 1.199 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ दुनिया की छठी और अमेरिका की पांचवीं वैल्यूएबल कंपनी है। इसका मार्केट कैप वॉरेन बफे की बर्कशायर हैथवे, मार्क जकरबर्ग की मेटा, एलन मस्क की टेस्ला से भी ज्यादा है।हुआंग 43.2 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 27वें नंबर पर हैं। इस साल उनकी नेटवर्थ में 29.4 अरब डॉलर की तेजी आई है। एनवीडिया में उनकी 3.5 परसेंट हिस्सेदारी है। कोरोना काल में कंपनी के शेयरों में भारी तेजी आई। क्रिप्टो बूम के कारण इसके माइनिंग में चिप के इस्तेमाल में तेजी आई थी। लेकिन उसके बाद कंपनी के शेयरों की कीमत दो-तिहाई गिर गई थी। अब एआई का चलन बढ़ने से फिर कंपनी के शेयरों में तेजी आ रही है। इस साल कंपनी के शेयरों में काफी तेजी आई है।Brics Summit 2023 : पीएम मोदी ने कहा- जल्द 5 लाख करोड़ डॉलर की इकॉनमी बनेगा भारतभारत में ऑपरेशनहुआंग का कहना है कि एआई कंप्यूटर क्रांति की अगुवाई कर रहा है। इसे इस्तेमाल करना आसान है, इसलिए यह तेजी से बढ़ रही है। कोई भी इंडस्ट्री इससे अछूती नहीं रहेगी। दुनियाभर की कंपनियां ज्यादा पावरफुल कंप्यूटरों का रुख कर रहे हैं जो चैटजीपीटी जैसे जेनरेटिव एआई को हैंडल कर सकें। यह Nvidia के चिप्स का ही कमाल था कि माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों को बिंग जैसे फीचर डेवलप करने में मदद मिली।एनवीडिया ने साल 2004 में भारत में अपना ऑपरेशन शुरू किया था। कंपनी के भारत में चार इंजीनियरिंग डेवलपमेंट सेंटर हैं। ये सेंटर गुरुग्राम, हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु में हैं। देश में कंपनी के 3,800 से अधिक कर्मचारी हैं। इतना ही नहीं भारत में 320,000 से अधिक डेवलपर एनवीडिया के डेवलपर प्रोग्राम का हिस्सा हैं। कंपनी के CUDA पैरालल प्रोग्रामिंग प्लेटफॉर्म को हर महीने करीब 40,000 बार डाउनलोड किया जाता है। कंपनी के मुताबिक भारत में करीब 60,000 एक्सपीरियंस्ड CUDA डेवलपर्स हैं।