मुंबई: डायमंड बिजनेस का लगभग 95 पर्सेंट से ज्यादा ट्रेड मुंबई में होता है और इन दिनों भारतीय डायमंड बाजार में सुस्ती का माहौल है। ग्लोबल डिमांड में आई कमी से एक्सपोर्ट में आई गिरावट के बाद 30 पर्सेंट तक सस्ते हो गए रियल डायमंड की ट्रेड पर भी अब चिंता के बादल दिखने लगे हैं। मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन के घंटे पहले ही कम कर चुकी इंडस्ट्री, क्रिसमस के नए ऑर्डर्स को लेकर भी मंदी का सामना कर रही है।एक ट्रेडर ने नाम नहीं बताए जाने की शर्त पर बताया कि डायमंड के सबसे बड़े खरीदार अमेरिका को यह लगता है कि भारत से अमेरिका आने वाला तैयार माल असल में रूस की अलरोसा से ऑपरेट होता है। ऐसे में कहा जा रहा है कि चूंकि रूस पर US ने प्रतिबंध लगा रखे हैं, ऐसे में अमेरिका जनवरी से 1 कैरेट से ऊपर के डायमंड का इम्पोर्ट भारत से बंद कर सकता है। यही वजह है कि इस बात पर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से नए ऑर्डर पर ग्रहण लग रहा है।हालांकि, जेम्स ऐंड जूलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के चैयरमेन विपुल शाह ने बताया कि रूस से आने वाले डायमंड को लेकर आगे क्या होगा, इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। हां, यह तय है कि वेस्टर्न कंट्री रूस के डायमंड बिजनेस को फाइनैंस नहीं करना चाहते हैं। सरकार के साथ मिलकर इंडस्ट्री इसका बेहतर तरीका निकालने की कोशिश में है। अभी तक अमेरिका और दूसरे विकसित देशों की तरफ से प्रतिबंध की बात साफ नहीं है। अगर ऐसा होता है तो इंडस्ट्री दूसरे उभरते बाजार जैसे वियतनाम, कंबोडिया के साथ भारत पर फोकस करेगी।लैब ग्रोन डायमंड के आगे फीका पड़ा असली हीरा, 10 परसेंट तक गिर गया कारोबारक्या कहते हैं एक्सपर्टइस बाबत जयपुर जेम्स के CEO सिद्धार्थ सचेती कहते हैं, ‘पूरी दुनिया में 30 पर्सेंट रफ डायमंड रूस से आता है और अमेरिका के रूस पर प्रतिबंधों के बाद जिस तरह भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड बढ़ा है, ऐसे में अब यह दुविधा ज्यादा बढ़ गई है। भारत इस मुद्दे पर यदि अमेरिका के साथ सोशल बेनिफिट लेता है, तो भारत को अमेरिका के प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ेगा। बाकी, जहां तक नए बाजार जैसे वियतनाम और कंबोडिया में अवसर की बात है तो वह सिर्फ झुनझुना है। क्योंकि वहां न तो जनसंख्या है और न ही GDP।’