Economic sanctions cripple Russian economy ruble plunges, interest rates soar long queue outside atms: घुटने लगा है पुतिन की इकॉनमी का दम, एटीएम के बाहर लंबी कतारें, जानिए किन देशों ने लगाई है पाबंदियां

नई दिल्ली: यू्क्रेन पर हमला करके रूस ने (Russia-Ukraine war) अपने लिए बड़ी आफत मोल ले ली है। अमेरिका और नाटो में उसके सहयोगी कई देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। इसका असर रूस की इकॉनमी पर दिखने लगा है। आर्थिक मोर्चे पर रूस को भारी नुकसान हुआ है। देश की करेंसी रूबल की वैल्यू घटती जा रही है और वह महज कागज का टुकड़ा बनने की ओर है। इस वजह से अब कोई भी रूबल को अपने पास नहीं रखना चाहता है।इन प्रतिबंधों के कारण रूस के दुनिया में अलग-थलग पड़ने की आशंका है। रूसी बैंकों की स्थिति धीरे-धीरे खराब होने लगी है। रूस में आम लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन रहा है। बैंकों और एटीएम के सामने लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। रूस की जनता को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बाद में पैसे की निकासी पर लिमिट ना लग जाए। इस कारण लोग ज्यादा से ज्यादा कैश निकाल रहे हैं। रूसी मुद्रा की वैल्यू गिरने से महंगाई चरम पर पहुंचने का भी खतरा है।रूस का सबसे बड़ा बैंक यूरोपीय बाजार से समेटेगा कारोबार, इस वजह से हुआ मजबूरइकॉनमी पर चौतरफा मारइनका रूस की इकॉनमी पर क्या असर होगा, अभी एक्सपर्ट इसका सटीक आंकलन लगाने में जुटे हुए हैं। लेकिन उनका यह दावा है कि आने वाले दिनों में रूसी बैंक कंगाल होने लगेंगे, करेंसी कौड़ियों के भाव रह जाएगी, अर्थव्यवस्था मंदी में चली जाएगी, महंगाई बढ़ेगी और बेरोजगारी चरम पर पहुंच जाएगी। यूरोपीय यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका ने रूस की इकॉनमी की कमर तोड़ने के लिए उसे चार तरफ से घेरा है।रूस के प्रमुख बैंकों को पैसा ट्रांसफर करने वाले इंटरनैशनल सिस्टम स्विफ्ट (SWIFT) से बाहर कर दिया गया है। ये बैंक कई देशों से कट चुके हैं। इसके साथ ही रूस के सेंट्रल बैंक के अंतरराष्ट्रीय खाते सीज हो गए हैं। इसका मतलब है कि रूस विदेशों में पड़े अपने पैसों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है। इसके अलावा रूसी अमीरों की एसेट्स और कंपनियों पर निगरानी तेज हुई है। उनके वीजा पर रोक लगा दी गई है।औंधे मुंह गिरे ​रूबल, इसे संभालने के लिए रूसी सेंट्रल बैंक ने उठाया बड़ा कदमरूस की अमीरों की मुश्किलइन अमीरों में कई राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के करीबी हैं। प्रतिबंध के बाद वे विदेशों में अपनी संपत्ति और पैसे का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही रूस के साथ निर्यात और आयात को बिल्कुल जीरो करने की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है। यानी ना ही रूस से कोई माल खरीदा जाएगा और ना ही कोई उत्पाद उसे बेचा जाएगा। अमेरिकी हवाई क्षेत्र में रूसी विमानों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह सब रूस की इकॉनमी को ध्वस्त करने की योजना का हिस्सा है।अनुमान के मुताबिक रूस की करीब 800 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति फ्रीज हो चुकी है। यह पैसा पश्चिमी देशों के कब्जे में है। उसका लेन-देन ठप हो गया है। अब अपने बाजार को बचाने के लिए रूस के केंद्रीय बैंक अपने भंडार का इस्तेमाल करना होगा। सोना और विदेशी करेंसी को बेचकर संभलना होगा। बैंकों पर दबाव बढ़ने से रूसी वित्तीय प्रणाली को बड़ा नुकसान होगा। आयात पर पाबंदी से घरेलू उत्पादन प्रभावित होगा।Russia-Ukrain crisis: रूस का दम घोटने के लिए नाटो और अमेरिका ने चलाए ये 5 हथियार, क्या करेंगे पुतिनकिस देश ने क्या पाबंदी लगाईअमेरिका ने रूस के दो सरकारी बैंकों को यूएस-यूरोप में कारोबार से रोक दिया है। इसी तरह जर्मनी ने 11.6 अरब डॉलर की नार्ड स्ट्रीम 2 गैस परियोजना रोक दी है। ब्रिटेन ने पांच रूसी बैंकों और तीन रूसी अरबपतियों पर पाबंदियां लगाई हैं। जापान ने रूसी बॉन्ड पर रोक के साथ ही कुछ लोगों की देश में एंट्री बैन कर दी है। यूरोपीय यूनियन ने डिफेंस और बैंकिंग सेक्टर के 27 रूसी अफसरों पर प्रतिबंध लगाया है। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया ने रूसी सुरक्षा परिषद के आठ सदस्यों की देश में एंट्री पर रोक लगाई है।साथ ही दुनिया की कई कंपनियों ने भी रूस में अपना कामकाज समेट लिया है। वीजा इंक और मास्टकार्ड ने भी रूस की कई वित्तीय संस्थाओं की भुगतान प्रणाली पर रोक लगा दी है। गूगल ने रूस के मीडिया प्लेटफॉर्म आरटी को ब्लॉक कर दिया। साथ ही अन्य चैनलों पर वीडियो विज्ञापन से मिलने वाले पैसे पर प्रतिबंध लगाया है। फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने भी अपने प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन से होने वाली कमाई पर रोक लगा दी है। नेसडैक इंक और इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज इंक ने अपने एक्सचेंजों में लिस्टेड रूस की कंपनियों के शेयरों के कारोबार पर अस्थाई रूप से रोक लगाई है।