Elon Musk’s Tesla top executives likely to meet Union Minister Goyal soon

नई दिल्ली: सरकार ने चीन की दिग्गज इलेक्ट्रिक कार कंपनी बीवाईडी (BYD) को बड़ा झटका दिया है। बीवाईडी ने भारत में एक अरब डॉलर का निवेश करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन सरकार ने उसके इस प्लान को खारिज कर दिया है। साथ ही सरकार ने साफ किया है कि उसकी एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी टेस्ला (Tesla) को प्रोत्साहन देने के लिए कोई अलग नीति लाने की योजना नहीं है। टेस्ला चाहे तो PLI योजना के तहत लिए आवेदन कर सकती है। इस बीच टेस्ला के सीनियर अधिकारियों की जल्दी ही कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल (Piyush Goyal) से मिलने की संभावना है। इसमें वे भारत में कार और बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग की अपनी योजना के बारे में चर्चा कर कर सकते हैं।टेस्ला ने 2021 में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कटौती की मांग की थी। लेकिन सरकार ने उसकी इस मांग को मानने से इन्कार कर दिया था। मस्क ने पिछले महीने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात की थी। इसके बाद एक बार फिर टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। गोयल और मस्क की इसी महीने वर्चुअल मीटिंग हुई थी। सूत्रों का कहना है कि कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री में टेस्ला के प्लान पर चर्चा हो रही है। एक अधिकारी ने कहा कि इस बातचीत में कई मंत्रालय शामिल हैं। कंपनी के टॉप अधिकारी जल्दी ही भारत आ सकते हैं।एलन मस्क की टेस्ला को टैक्स में छूट देगी भारत सरकार? जानिए रेवेन्यू सेक्रेटरी ने क्या कहाटेस्ला की डिमांडएक अन्य सूत्र ने ईटी को बताया कि दो हफ्ते पहले मस्क की गोयल के साथ वर्चुअल मीटिंग हुई थी। इसमें टेस्ला की भारत में मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने की योजना पर बात हुई। टेस्ला इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली दुनिया के सबसे बड़ी कंपनी है। अभी उसके चीन, जर्मनी, अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको और नीदरलैंड्स में प्लांट हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार ने कंपनी को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया है। टेस्ला भारत आने को बेकरार है। 13 जुलाई को कंपनी ने भारत में ऑटो पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स चेन की संभावनाओं के बारे में केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत की थी। कंपनी भारत में अपनी खुद की सप्लाई चेन लाना चाहती है। हालांकि सरकार ने उसे लोकल कंपनियों के साथ काम करने की संभावना का पता लगाने को कहा है।टेस्ला भारत में अपनी कारों को बेचना चाहती थी। इसके लिए उसने सरकार के इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती की मांग की थी। अभी पूरी तरह से बनी यूनिट के रूप में आयातित कारों पर इंजन आकार और लागत, बीमा और ढुलाई मूल्य के आधार पर 60 से 100 प्रतिशत का कस्टम लगता है। टेस्ला चाहती थी कि इलेक्ट्रिक कारों पर इसे कम करके 40 परसेंट कर लिया जाए। कंपनी पहले भारत में इम्पोर्टेड कारें बेचकर भारतीय मार्केट की थाह लेना चाहती थी। लेकिन सरकार ने इसे नहीं माना। इसके बाद कंपनी ने भारत में अपनी कारें बेचने की योजना टाल दी थी। हाल के दिनों में एक बार फिर इस पर बातचीत शुरू हो गई है।