हाइलाइट्सदेश की अर्थव्यवस्था को बचाने के नाम पर करीब $दो लाख करोड़ की रकम जारी की गई थी। पिछले साल मार्च में अमेरिका के अधिकतर लोगों को $1400 प्रति महीने के हिसाब से राहत मिली थी। यूरोप की तुलना में अमेरिका में महंगाई की दर काफी बढ़ गई है।नई दिल्लीInflation Blues: अगर आपको ऐसा लग रहा है कि बढ़ती महंगाई से सिर्फ भारत में ही लोग परेशान हैं, तो ऐसा नहीं है। अमेरिका में महंगाई की दर 40 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। कई महीनों से बहुत से अर्थशास्त्री लोगों को यह भरोसा देने में जुटे हैं कि महंगाई की दर बहुत लंबे समय तक इस स्थिति में नहीं रहने वाली है। विश्लेषकों का कहना है कि महंगाई की दर अस्थाई है और आने वाले दिनों में कम हो सकती है। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की जेरोम पॉवेल और व्हाइट हाउस के अधिकारी अब बढ़ती महंगाई से परेशान होने लगे हैं। अमेरिका की अर्थव्यवस्था कोरोना संकट के दौर से निकलकर सामान्य होने की तरफ बढ़ रही है, लेकिन बढ़ती महंगाई की वजह से लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है।यह भी पढ़ें: पैसे से पैसा बनाने का हुनर जानती हैं सनी लियोन, जानिए कहां किया है निवेशआम लोगों को महंगाई में राहत अमेरिका में बहुत से लोग जो दूध, गैस या सेकंड हैंड कार खरीद रहे हैं उन्हें लगता है कि महंगाई धीरे-धीरे काबू में आ रही है। अर्थशास्त्री इसके उलट बयान दे रहे हैं, उन्हें आशंका है कि महंगाई की ऊंची दर अगले साल तक भी इसी तरह बनी रह सकती है। महंगाई दर में तेज वृद्धि शुक्रवार को ही अमेरिकी सरकार ने कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर एक रिपोर्ट जारी की है। अमेरिका में नवंबर महीने में महंगाई की दर पिछले साल की तुलना में 6.8 फ़ीसदी बढ़ गई है। यह साल 1982 के बाद ही महंगाई दर में पिछले 12 महीने में आने वाली सबसे बड़ी उछाल है। गरीब परिवार की बढ़ी चिंता महंगाई की बढ़ती दर वास्तव में गरीब परिवारों के लिए चिंता की वजह बन गई है। पिछले साल की तुलना में रोजाना के इस्तेमाल वाली चीजों के भाव 21 से लेकर 28 फीसदी तक बढ़ गए हैं। एक साल पहले की तुलना में घर के कामकाज में यूज होने वाली चीजों के भाव 14 फीसदी बढ़े हैं, जबकि सेकेंड हैंड कार के भाव 31 फीसदी तक बढ़ गए हैं। वेतनवृद्धि के बाद भी महंगाई घातकअमेरिकी अर्थव्यवस्था की सच्चाई यह है कि यहां बहुत से कामगारों के वेतन में भी पिछले 1 साल में वृद्धि हुई है। उनके लिए भी महंगाई घातक साबित हो रही है। पिछले महीने अमेरिका में औसत वेतन 1 साल पहले की तुलना में 2.4 से अधिक गिर गया है। वास्तव में कोरोना संकट के दौर में अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए अमेरिकी सरकार ने जमकर पैसे खर्च किए हैं, इसका महंगाई दर पर असर देखने को मिल रहा है। कोरोना संकट का असर पिछले साल कोरोनावायरस की वजह से बहुत से कारोबार बंद हुए या उनमें कामकाजी घंटे घटा दिए गए थे। बहुत से लोगों को कोरोना संकट की वजह से घर बैठना पड़ा। अमेरिकी नियोकता ने दो करोड़ नौकरी कम कर दी थी। इसके बाद सरकार ने अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए जमकर रकम खर्च की, इस वजह से महंगाई दर में तेज वृद्धि देखी जा रही है।जो बाइडेन ने खोला खजाना अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पिछले साल कोरोनावायरस संकट से देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के नाम पर करीब $दो लाख करोड़ की रकम जारी की थी। पिछले साल मार्च में अमेरिका के अधिकतर लोगों को $1400 प्रति महीने के हिसाब से राहत मिली थी। यही वजह है कि यूरोप की तुलना में अमेरिका में महंगाई की दर बढ़ गई है।यह भी पढ़ें: अगर आपके बैंक अकाउंट से हो गई साइबर ठगी तो ऐसे वापस पा सकते हैं अपने पैसेबैंक फ्रॉड में आपकी रकम हुई गायब, चिंता ना करें, यह कदम उठाएं