जिनपिंग ने न आने से भारत को फायदाटोरंटो में ट्रिनिटी कॉलेज के जी20 रिसर्चर ग्रुप के डायरेक्टर जॉन जे किरटन कहते हैं कि इस समिट में जलवायु परिवर्तन को लेकर चर्चा होगी। चीन उन देशों में शामिल है, जो बेझिझक फॉसिल फ्यूज ईंधन का इस्तेमाल करता है। जब समिट में इसे लेकर चर्चा होती तो हमेशा की तरह चीन इसमें अड़ंगा लगाने का काम करता, लेकिन चीनी राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी में उसकी बातों में वो वजन नहीं होगा। भारत की मेजबानी में और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में इस बार जी20 के समिट का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। विदेशमंत्री एस जयशंकर भी इसे लेकर स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनुपस्थिति से जी20 शिखर सम्मेलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।