Gautam Adani: Hindenburg Research का कहर! अडानी ग्रुप ने FPO के बाद बॉन्ड से भी किया किनारा – adani group shelves bond plan to raise money to refinance acc ambuja loan

नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म Hindenburg Research की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) की हालत खस्ता हो गई है। ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का FPO वापस लेने के बाद बॉन्ड प्लान भी कैंसल कर दिया है। कंपनी ने इसके जरिए 10 अरब रुपये (12.2 करोड़ डॉलर) जुटाने की योजना बनाई थी। कंपनी पहली बार बॉन्ड्स की पब्लिक सेल करने जा रही थी। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने इस प्लान को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। Hindenburg Research की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में 70 फीसदी तक गिरावट आई है और उसका मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से ज्यादा घट गया है।अडानी एंटरप्राइजेज ने बॉन्ड जारी करने के लिए Edelweiss Financial Services Ltd., AK Capital, JM Financial और Trust Capital के साथ मिलकर काम कर रही थी लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक ग्रुप के शेयरों में हाल में आई गिरावट के मद्देनजर यह फैसला किया गया है। अडानी ग्रुप ने अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को भी वापस लेने का फैसला किया था। हालांकि यह पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया था लेकिन ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने खुद एक बयान जारी कर इसका कारण बताया। उन्होंने कहा कि कंपनी ने नैतिकता के आधार पर इसे वापस लिया है।Gautam Adani: बिल में हेराफेरी… अडानी ग्रुप को लेकर अब सरकारी एजेंसियों में घमासान, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला21वें स्थान पर फिसलेइस बारे में Edelweiss ने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया जबकि बाकी तीन फाइनेंशियल कंपनियों ने कोई जबाव नहीं दिया। अडानी ग्रुप ने भी ईमेल का जवाब नहीं दिया। Moody’s Investors Service के मुताबिक शेयरों में भारी गिरावट के कारण कंपनी के फंड जुटाने की क्षमता प्रभावित हुई है। माना जा रहा है कि अब कंपनी दूसरे माध्यमों से पैसा जुटाने पर विचार करेगा। इसमें आंतरिक संसाधन शामिल हैं। अडानी ग्रुप ने पिछले साल अंबूजा सीमेंट्स और एसीसी को खरीदा था। इसके लिए उसने कई अंतरराष्ट्रीय बैंकों से कर्ज लिया था। इसे 2024 से 2026 तक चुकाया जाना है।Anand Mahindra: वो दिन भी देख लेना… अडानी संकट पर मजे लेने वालों को 5 बातें गिना महिंद्रा ने पूछा- कोई शक?Hindenburg Research की पिछले हफ्ते आई एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अडानी ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल रहा है। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए इसे भारत के खिलाफ साजिश करार दिया था। लेकिन ग्रुप के शेयरों और बॉन्ड्स में भारी गिरावट आई है। इससे अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 108 अरब डॉलर घट गया है। साथ ही अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे से 21वें स्थान पर खिसक गए हैं।