नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) एक बार फिर से आपको झटका देने की तैयारी कर रहा है। 6 अप्रैल को आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी तक आपके होम लोन का दर्द बढ़ा सकता है। होम लोन की बढ़ती ईएमआई (Home Loan EMI) का असर कितना गहरा है, ये इस बात से आप समझ सकते हैं कि जो लोन आपने 20 सालों के लिए लिया था, वो बढ़कर 31 सालों का हो गया है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण आपके होम लोन की ईएमआई आपको लंबे वक्त तक दर्द दे रही है। पिछले साल मई से लगातार छह बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा चुकी है। जिसके बढ़ते ही बैंक होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन सबकी ब्याज दरों (Loan Rate of Interest) में बढ़ोतरी कर देता है। बढ़ते ब्याज और बढ़ती EMI के बीच आपके लिए हम काम की जानकारी लेकर आए हैं। इंटरेस्ट रेट बढ़ने पर EMI बढ़ाए या फिर लोन का टेन्योर? कौन का विकल्प आपके लिए बेहतर है? आइए समझते हैं। ब्याज बढ़ने का आप पर असरजब होम लोन सस्ता था तो लोगों ने इसका फायदा उठाते हुए मकान या फ्लैट खरीदे थे। लेकिन अब उनके लिए किस्त चुकाना भारी पड़ रहा है। एक साल में होम लोन का इंटरेस्ट रेट 6.7 फीसदी से बढ़ाकर 9.25 फीसदी से भी ऊपर पहुंच गया है। यानी जिसने अप्रैल 2019 में 50 लाख रुपये का होम लोन 6.7 फीसदी के इंटरेस्ट रेट पर लिया था और उसके लोन का टेन्योर मार्च, 2039 में खत्म हो जा रहा था, अब वो बढ़कर साल 2050 पर पहुंच गया है। ब्याज दर 6.7 फीसदी से बढ़कर 9.25 फीसदी पहुंच चुका है। इस हिसाब से उसका होम लोन नवंबर 2050 तक पहुंच गया। लोन का ओरजिनल टेन्योर से 11 साल बढ़ गया। बैंकों ने बिना बताए बढ़ा दिया टेन्योरहोम लोन की बढ़ती ब्याज दरों के कारण ईएमआई बढ़ जाता है, लेकिन बैंकों ने ब्याज दर बढ़ने के बाद EMI बढ़ाने के बजाए लोन का टेन्योर बढ़ा दिया है। जो लोन 20 साल में खत्म हो जाता, वो 31 साल में पहुंच गया है। लोन की अवधि बढ़ाकर बैंक महंगे ब्याज दर के बीच भी बिना ईएमआई की रकम बढ़ाए टेन्योर बढ़ाकर उसे एडजस्ट कर लेते हैं। लेकिन लोन की अवधि बढ़ाना आपको नुकसान कर सकता है। EMI बढ़ाए या लोन का टेन्योरEMI के मंथली रकम को बढ़ाने के बजाए लोन का टेन्योर बढ़ाना समझदारी नहीं है। आमतौर पर लोग ऐसी गलती कर जाते हैं। कुछ लोग ईएमआई कम रखने के चक्कर में लोग का टेन्योर बढ़ा लेते है। ऐसा करने पर आपकी मंथली किस्त तो नहीं बढ़ती,लेकिन बढ़ते टेन्योर का कुल ब्याज जोड़ दें तो आप पर लाखों का बोझ बढ़ जाता है। ऐसे में बेहतर है कि लोन की अवधिय बढ़ाने के बजाए आप EMI की रकम बढ़ाएं। अगर आप किस्त क जगह टेन्योर बढ़ाते हैं तो आपके लोन की अवधि बढ़ती जाती है। जो लोन 20 साल में खत्म हो रहा था, वो बढ़कर 31 साल का हो जाएगा। ऐसा होने पर आपको उतने अतिरिक्त सालों के ब्याज का बोझ ढोना होगा। जितना लंबा टेन्योर, उतना लंबा असरकई बार लोन ईएमआई की रकम पर नियंत्रण रखने के लिए टेन्योर बढ़ाने का फैसला लेते हैं,लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी रिटायरमेंट की आयु को भी जरूर कैलकुलेट कर लें। टेन्योर बढ़ाने के चक्कर में आपको लोन पर ज्यादा ब्याज चुकाना होगा। आपको बता दें कि आपके होम लोन की EMI टेन्योर पर निर्भर करती है। टेन्योर जितना लंबा करेंगे, ईएमआई तो घट जाती है, लेकिन आपको उतना ही ब्याज चुकाना पड़ता है। बेहतर है कि आप दूसरे खर्चों में बचत कर ईएमआई बढ़ाकर लोन को जल्द खत्म करें। एक और विकल्पअगर आप लोन के बीच-बीच में एक मुश्त राशि के भुगतान कर सकते हैं तो ये भी अच्छा विकल्प है। लोन टेन्योर के बीच बीच में आप एक मोटी रकम अदा कर अपने प्रिंसिपल अमाउंट को घटा सकते हैं। प्रिंसिपल घटने से आपके होम लोन ईएमआई भी घट जाएगी। एक्सपर्ट्स भी यही मानते हैं कि अगर किसी को लोन की बढ़ी किस्त यानी EMI चुकाने में कोई परेशानी या दिक्कत नहीं है तो आपको लोन का टेन्योर बढ़ाने से बचना चाहिए।