How Russia withstand western countries sanctions

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से भी अधिक समय से जंग (Russia-Ukraine War) चल रही है। इस जंग के बीच रूस के लिए आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर आई है। इस फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में रूस की इकॉनमी 4.9 फीसदी बढ़ी है। एक साल में रूस की इकॉनमी में पहली बार तेजी देखने को मिली है। पिछली चार तिमाहियों में देश की इकॉनमी में गिरावट देखने को मिली थी। इस साल की पहली तिमाही में देश की जीडीपी में 1.9 परसेंट की गिरावट आई थी। पिछले साल अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी में 4.5 परसेंट की गिरावट आई थी। पिछले साल फरवरी में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तो पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। इससे देश की जीडीपी में भारी गिरावट देखने को मिली थी।लेकिन दूसरी तिमाही में रूस की इकॉनमी में आई तेजी इस बात का प्रतीक है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का असर खत्म हो रहा है। माना जा रहा है कि अगले साल तक रूस की इकॉनमी प्री-वॉर लेवल तक पहुंच सकती है। रूस ने पिछले साल फरवरी में जब यूक्रेन पर हमला किया था तो पश्चिमी देशों ने उस पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थी। तब कई पश्चिमी देशों ने कहा था कि इससे रूस की इकॉनमी बर्बाद हो जाएगी। लेकिन रूस ने उन्हें गलत साबित कर दिया है।भारत बना दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनमी, अमेरिका को पछाड़ चीन पहले नंबर पर, जापान-रूस हमसे पीछेमोदी का साथरूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि हमने देश की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ ही अपने लोगों को बचाया है। पश्चिमी देश रूस के समाज को तोड़ने में नाकाम रहे। सवाल यह है कि पश्चिमी देशों की पाबंदियों के बावजूद रूस की इकॉनमी कैसे मजबूत बनी हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है तेल और गैस की कीमतों में आई तेजी। रूस से गैस के एक्सपोर्ट में 25 परसेंट की गिरावट आई है लेकिन कीमत में तेजी के कारण इसकी भरपाई हो गई है। यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोपीय यूनियन ने रूस से नेचुरल गैस के आयात में 55 परसेंट की कटौती की है।इसका मकसद रूस के आर्थिक रूप से कमजोर करना था। लेकिन रूस ने तुर्की, चीन और भारत के रूप में नए खरीदार मिल गए। आज भारत का सबसे ज्यादा कच्चा तेल रूस से आ रहा है। रूस से रोजाना 20 लाख बैरल से अधिक तेल भारत आ रहा है। एक समय पर रूस भारतीय कंपनियों को तगड़ी छूट दे रहा था। हाल के दिनों में इसमें गिरावट आई है लेकिन भारत का कहना है कि वह रूस से कच्चे तेल का आयात जारी रखेगा। इसके साथ ही आर्म्स इंडस्ट्री और एग्रीकल्चर ने भी रूस की इकॉनमी को नीचे नहीं आने दिया। पुतिन ने दावा किया था कि 30 जून, 2023 तक रूस छह करोड़ टन अनाज का एक्सपोर्ट करेगा।