नई दिल्ली5जी सेवाओं में नेटवर्क सुरक्षा एक बड़ी चिंता बनी हुई है क्योंकि वर्तमान में उपलब्ध कोई भी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सेंसर, सुरक्षा के अनुरूप नहीं हैं। यह बात वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी जगबीर सिंह ने शुक्रवार को कही। उन्होंने टेलीकॉम इंडस्ट्री के इवेंट ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2021’ (India Mobile Congress) में बोलते हुए कहा कि कोई भी IoT और मशीन-टू-मशीन (M2M) सेंसर, सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं।
सिंह ने कहा, ‘हमारे पास उद्यम के चारों ओर 5G है। IoT, M2M और इन सभी उपकरणों के चारों ओर 5G है। यदि आप आज IoT सेंसर की तरह देखते हैं, तो Vodafone Idea में हमारे 80 लाख से लेकर 1 करोड़ तक ग्राहक हैं। कोई भी सेंसर वास्तव में सुरक्षा के अनुरूप नहीं है। जो भी सेंसर हैं, जो भी M2M डिवाइस हैं, वे वास्तव में सुरक्षा अनुपालन का पालन नहीं करते हैं। मुझे लगता है कि 5जी के मामले में सुरक्षा अनुपालन एक बड़ी चुनौती होगी।’
5जी का सफल रोलआउट कैसे संभवसिंह ने आगे कहा कि सरकार और सभी ऑपरेटरों को 5जी डिप्लॉयमेंट में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक साथ आना चाहिए। 5जी सेवाओं के सफल रोलआउट के लिए उचित स्पेक्ट्रम मूल्य, फाइबर की शेयरिंग और राइट ऑफ वे परमिशंस के लिए वन-स्टॉप समाधान महत्वपूर्ण हैं।
एयरटेल और जियो का क्या है माननाभारती एयरटेल के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी रणदीप सिंह सेखों ने सिंह के विचारों का समर्थन किया। उन्होंने यह भी कहा कि 5जी सेवाओं के साथ-साथ मजबूत लैब परीक्षण और सेवाओं में इश्यूज को फिक्स करने के लिए ऑटोमेशन महत्वपूर्ण होगा। रिलायंस जियो ग्रुप के सीटीओ मोबिलिटी, श्याम मर्दिकर ने कहा कि भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली कनेक्शन आदि के लिए सिंगल विंडो अनुमति, 5जी रोलआउट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।