हाइलाइट्सइन्फोसिस बेंगलुरु स्थित कंपनी है। इसे 1993 में भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया गया और यह 1999 में अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज, नैस्डैक में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय रजिस्टर्ड कंपनी बनी। 1994 में इन्फोसिस की वैल्युएशन 10 करोड़ डॉलर थी।बेंगलुरुइन्फोसिस (Infosys) 100 अरब डॉलर या उससे अधिक के बाजार पूंजीकरण (Market Cap, m-cap) वाली भारतीय कंपनियों में शामिल हो गई है। इस एमकैप वाले क्लब में अभी तक केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस और एचडीएफसी बैंक थीं। इन तीनों कंपनियों का मार्केट कैप क्रमशः 186 अरब डॉलर, 180 अरब डॉलर और 116 अरब डॉलर है। मंगलवार को सुबह के कारोबार में इन्फोसिस ने यह उपलब्धि हासिल की, जब बीएसई पर इन्फोसिस के शेयर ने 1,755 रुपये का एक साल का उच्च स्तर छुआ। इससे कंपनी का एमकैप 100.7 अरब डॉलर हो गया। शेयर 1% की गिरावट के साथ 1,720 रुपये पर बंद हुआ। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) पर भी सुबह के कारोबार में इन्फोसिस का एम-कैप 100 अरब डॉलर के करीब था।50 अरब डॉलर एमकैप पर पहुंचने में लग गए थे 20 सालइन्फोसिस को 50 अरब डॉलर के मार्केट कैप तक पहुंचने में 20 साल लगे, वहीं अगले 50 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंचने में एक साल से थोड़ा ही अधिक समय लगा। कंपनी ने सीईओ सलिल पारेख (Salil Parekh) की अगुवाई में एक आश्चर्यजनक विकास दर हासिल की है। क्लाउड के माध्यम से डिजिटल ट्रान्सफॉरमेशन की अपने ग्राहकों की इच्छा और डेटा व एनालिटिक्स पर अधिक ध्यान देने के कारण आईटी कंपनियां महामारी से स्मार्ट रिकवरी दर्ज कर रही हैं।इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई (TV Mohandas Pai) का कहना है, ‘1994 में इन्फोसिस की वैल्युएशन 10 करोड़ डॉलर थी। 27 वर्षों में यह 100 अरब डॉलर को पार कर गई है और यह एक अच्छी कहानी है। इन्फोसिस का उदय, उदारीकरण और वैश्विक आईटी सेवा उद्योग के उदय के बाद के भारत के उदय को दर्शाता है।”यह भी पढ़ें: राकेश झुनझुनवाला ने इस PSU बैंक में खरीदी 1.59% हिस्सेदारी, आप करेंगे निवेश?भारत में कॉर्पोरेट-गवर्नेंस के स्तर को उच्च बनायान्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त, अर्थशास्त्र और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के चार्ल्स ई मेरिल प्रोफेसर मार्टी जी सुब्रह्मण्यम 1998 से 2011 तक इन्फोसिस के बोर्ड में थे। वह याद करते हैं कि जब वह कंपनी में शामिल हुए थे, इसका रेवेन्यु 4.7 करोड़ डॉलर था और 1500 कर्मचारी थे। आगे कहते हैं, “इन्फोसिस ने भारत में कॉर्पोरेट-गवर्नेंस नैतिकता के लिए स्टैंडर्ड को ऊंचा किया। बोर्ड केवल देखने के लिए एक अलंकरण नहीं था। मेरे विचारों का सम्मान किया गया और प्रबंधन के साथ मेरी कई तीखी बहस हुईं। इन्फोसिस का सीक्रेट सुशासन, मूल्य और नैतिकता, कड़ी मेहनत और एनआरएन कार विजन है।”1981 में हुई थी शुरूइन्फोसिस बेंगलुरु स्थित कंपनी है। इसे एनआर नारायण मूर्ति ने 1981 में छह अन्य लोगों के साथ मिलकर शुरू किया था। इसे 1993 में भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया गया और यह 1999 में अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज, नैस्डैक में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय रजिस्टर्ड कंपनी बनी। इन्फोसिस को लंबे समय से भारतीय कॉरपोरेट्स के बीच कॉरपोरेट गवर्नेंस के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है।Salary of CEOs: कोरोना काल में भी इन कंपनियों के सीईओ को मिली मोटी सैलरी