हाइलाइट्स:ग्रामीण युवाओं की ट्रेनिंग का एक लाभ यह होगा कि ग्राम देहात में लोगों को निर्बाध इंटरनेट मिलता रहेगा। अगर कहीं पर कोई खराबी भी आएगी तो ग्रामीण युवा और ग्राम स्तरीय उद्यमी उन्हें दुरुस्त करेंगे। इससे ग्रामीण जनता भी सरकार की महत्वकांक्षी डिजिटल भारत योजना के साथ जुड़कर विभिन्न डिजिटल योजनाओं का लाभ हासिल कर पाएंगे।नई दिल्ली गांव देहात में अब इंटरनेट (Internet) की निर्बाध सेवा मिलती रहेगी। अगर कोई दिक्कत हुई तो गांव के युवा ही इसे ठीक कर लेंगे। ऐसा होगा कॉमन सर्विस सेंटर की एक पहल की बदौलत। कॉमन सर्विस सेंटर यानी सीएससी ने टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल (TSSC) के साथ करार किया है। इसके तहत देश भर में मौजूद एक लाख से अधिक ग्रामीण स्तरीय उद्यमियों और युवाओं को भारत नेट (BharatNet) की देखरेख का प्रशिक्षण देते हुए उन्हें ऑप्टिकल फाइबर (Optical Fibre) की देखरेख का कार्य दिया जाएगा। इससे ग्रामीण युवाओं को अपने गांव स्तर पर ही रोजगार का अवसर उपलब्ध होगा। इसके साथ ही ग्रामीण युवाओं की ट्रेनिंग का एक लाभ यह होगा कि ग्राम देहात में लोगों को निर्बाध इंटरनेट मिलता रहेगा। अगर कहीं पर कोई खराबी भी आएगी तो ग्रामीण युवा और ग्राम स्तरीय उद्यमी उन्हें दुरुस्त करेंगे। इससे ग्रामीण जनता भी सरकार की महत्वकांक्षी डिजिटल भारत योजना के साथ जुड़कर विभिन्न डिजिटल योजनाओं का लाभ हासिल कर पाएंगे।कॉमन सर्विस सेंटर एकेडमी के जरिए दी जाएगी ट्रेनिंगयह ट्रेनिंग कॉमन सर्विस सेंटर एकेडमी के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। यह एकेडमी कॉमन सर्विस सेंटर का सीएसआर और शिक्षा विंग है। इसके तहत युवाओं को ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े विभिन्न तरह की मरम्मत का कार्य सिखाने के साथ ही उन्हें इसकी उपयोगिता, इसे बिछाने और इसके माध्यम से इंटरनेट उपलब्ध कराने की ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाएगी।यह ट्रेनिंग ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराने के साथ ही नियमित कक्षाओं के माध्यम से दी जाएगी, जिससे प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को व्यावहारिक अनुभव भी हासिल हो। टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल ट्रेनिंग के पश्चात एक ऑनलाइन अध्ययन के माध्यम से सभी प्रशिक्षुओं को सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराएगा।10,000 युवाओं की फाइबर रेस्टोरेशन टीम जुलाई 2019 में कॉमन सर्विस सेंटर को भारत नेट फाइबर केबल का फर्स्ट लाइन मेंटेनेंस कार्य मिला था, जिसके तहत इसका ऑपरेशन और मेंटेनेंस कॉमन सर्विस सेंटर को देखना था। इस महत्वकांक्षी योजना का उद्देश्य अंतिम स्तर पर इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। इस समय करीब 10,000 से अधिक ग्रामीण युवाओं को फाइबर रेस्टोरेशन टीम के रूप में प्रशिक्षण देकर तैयार किया गया है। ये सभी युवा कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से अब भारत नेट की देखरेख का कार्य कर रहे हैं। निकलेंगे रोजगार भीइस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में जानकारी देते हुए कॉमन सर्विस सेंटर के सीईओ संजय कुमार राकेश ने कहा कि इस करार के माध्यम से हम गांव में ग्राम स्तरीय उद्यमियों और ग्रामीण युवाओं के बीच एक ऐसे कौशलयुक्त युवाओं की टीम खड़ा करना चाहते हैं जो ग्राम स्तर पर कार्य कर पाए। अंतिम स्तरीय कनेक्टिविटी को यह लोग सुनिश्चित करेंगे, जिससे भारत नेट कार्यक्रम को गति हासिल हो। यह अभियान रोजगार का सृजन भी करेगा। ग्रामीण स्तर पर रोजगार का सृजन होगा जिससे सरकार की महत्वकांक्षी योजना आत्मनिर्भर भारत को भी गति हासिल होगी।टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल के सीईओ अरविंद बाली ने कहा कि जिस तरह से देश में फाइबर के माध्यम से इंटरनेट हासिल करने के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं, उसे देखते हुए इस क्षेत्र में रोजगार और कौशल बढ़ाने की जरूरत है जिससे इस क्षेत्र में ढांचागत आधार और उससे संबंधित सेवाओं का विस्तार किया जा सके। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हम सरकार के डिजिटली कनेक्टेड राष्ट्र और आत्मनिर्भर भारत योजना का हिस्सा बन रहे हैं। किसी भी डिजिटल ढांचागत आधार के लिए फाइबर एक महत्वपूर्ण कड़ी है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इसका विशेष महत्व है।