हाइलाइट्स:जॉन डेविड मैकफी बुधवार को स्पेन के बार्सिलोना में मृत पाए गए1987 में सॉफ्टवेयर कंपनी McAfee Associates की स्थापना की थीयह दुनिया की सबसे बड़ी एंटीवायरस कंपनियों में से एक हैनई दिल्लीदुनिया भर में एंटीवायरस के गुरु कहे जाने वाले जॉन डेविड मैकफी (John McAfee) बुधवार को स्पेन के बार्सिलोना में अपने जेल की कोठरी के करीब मृत पाए गए। दुनियाभर में उनके खिलाफ कई मामले चल रहे थे। बुधवार को ही स्पेन की एक अदालत ने उन्हें अमेरिका को सौंपने के आदेश दिए थे। जेल प्रशासन ने कहा कि उनके मौत के कारणों के बारे में छानबीन जारी है। माना जा रहा है कि 75 साल के मैकफी ने आत्महत्या की है।मैकफी को पिछले साल अक्टूबर में बार्सिलोना के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में थे। गिरफ्तारी के बाद मैकफी पर टैक्स चोरी करने का आरोप लगाया गया था। मैकफी पर आरोप थे कि उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को प्रमोट करने के दौरान हुई आमदनी के बारे में जानकारी नहीं दी। मैकफी के वकील ने कहा कि मैकफी को हमेशा परिस्थितियों का सामना करने वाले शख्स के रूप में याद किया जाएगा।आज है रिलायंस इंडस्ट्रीज का एजीएम, जानिए कौन-कौन से बड़े ऐलान हो सकते हैंएंटीवायरस कंपनी की स्थापना18 सितंबर 1945 को इंग्लैंड में जन्मे मैकफी एक ब्रिटिश-अमेरिकन कंप्यूटर प्रोग्रार और बिजनसमैन थे। उन्होंने 1987 में सॉफ्टवेयर कंपनी McAfee Associates की स्थापना की थी और 1994 तक इसे चलाया। यह दुनिया की सबसे बड़ी एंटीवायरस कंपनियों में से एक है। मैकफी किप्टोकरेंसी प्रमोटर, टैक्स विरोधी, अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होने के साथ-साथ भगोड़े भी थे। वह खुले रूप से ड्रग्स, गन और सेक्स की वकालत करते थे और दुनियाभर में उनके खिलाफ कई मामले चल रहे थे। उन्होंने 2016 और 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में भी हाथ आजमाया था।सस्ते में फोन, फ्रिज, एसी खरीदना चाहते हैं? जानिए कब शुरू हो रही है फेस्टिव सेलमैकफी ने साल 1987 में एंटीवायरस कंपनी McAfee की स्थापना की। सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में मैकफी उस समय सुर्खियों में आए जब उन्होंने पहली बार ऑल इन वन वायरस स्कैनर ऑफर किया। इससे पहले रिसर्चर एक बार में केवल एक ही वायरस स्कैन कर सकते थे जबकि उस समय करीब एक दर्जन कंप्यूटर वायरस अस्तित्व में आ चुके थे। चिप बनाने वाली कंपनी इंटेल (Intel) ने 2011 में McAfee को 7.68 अरब डॉलर में खऱीदा था। इसे एक बड़ी साइबरसिक्योरिटी डिवीजन में मिलाया गया था। लेकिन 2016 में कंपनी ने अपनी साइबरसिक्योरिटी यूनिट के लिए एक नई कंपनी बना दी जिसे McAfee नाम दिया गया।