नई दिल्ली भारत में कई बार यह चर्चा हो चुकी है कि रिजर्व बैंक (RBI) को नोट छापने पर विचार करना चाहिए। कई विशेषज्ञ कह चुके हैं कि रिजर्व बैंक नोट छापकर (printing money) भारत की अर्थव्यवस्था को मदद कर सकता है। देश में कोरोना के दूसरे चरण के संक्रमण (Covid infection) के धीमा पढ़ने के बाद अब चर्चा इस बात पर हो रही है कि क्या राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को नोट छापने (printing money) पर विचार करना चाहिए? रविवार को मशहूर अर्थशास्त्री पिनाकी चक्रवर्ती ने कहा कि नोट छापना (printing money) किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत में कोरोना के तीसरे चरण का संक्रमण गंभीर रूप लेने के आसार नहीं हैं और इस वजह से इसकी आर्थिक रिकवरी तेज रह सकती है।यह भी पढ़ें: LIC की सरल पेंशन स्कीम में एक बार प्रीमियम चुकाएं, 12000 रुपये जिंदगी भर पेंशन पाएंनोट छापना सही कदम नहीं नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के निदेशक चक्रवर्ती ने कहा कि महंगाई की बढ़ती दर चिंता का विषय है, लेकिन इस समय महंगाई दर को एक लेवल पर स्थिर करने की जरूरत है जो भारतीय रिजर्व बैंक के दायरे में ही आता है। उन्होंने कहा, कोरोना महामारी की शुरुआत से ही राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए नोट छापने (printing money) के विकल्प सुझाए जाने लगे थे, मुझे नहीं लगता कि भारतीय रिजर्व बैंक को नोट छापने (printing money) जैसा कोई कदम उठाना चाहिए।”RBI के पास कई विकल्प पिछली कई तिमाहियों से यह चर्चा चल रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक को भारत की अर्थव्यवस्था को मदद देने के लिए नोट छापना चाहिए। इसके साथ ही केंद्र सरकार के राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए भी नोट छापने का विकल्प सुझाया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के राजकोषीय घाटे के मोनेटाइजेशन का मतलब यह है कि केंद्रीय बैंक सरकार के खर्च के लिए नोट छापने की व्यवस्था कर रहा है। जीडीपी ग्रोथ बेहतर रहेगी नोट छापना (printing money) वास्तव में किसी इमरजेंसी की स्थिति में केंद्र सरकार के हाथ में मौजूद पैसे को पहले ही खर्च कर लेने की तरह है। चक्रवर्ती ने कहा कि भारत की मौजूदा मैक्रोइकोनॉमिक्स स्थितियों के हिसाब से जीडीपी ग्रोथ की बेहतर उम्मीद है और यह कोरोना संक्रमण के पहले चरण की तुलना में ज्यादा बेहतर स्थिति में है। चक्रवर्ती ने कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि देश में रिकवरी में तेजी आ सकती है और कोरोना संकट के तीसरे चरण में अधिक गंभीर हालत नहीं रहेगी।”यह भी पढ़ें: लाखों छोटे कारोबारियों को कोरोना से हुए घाटे को पाटने में करेगा मददLIC के सरल पेंशन प्लान से ऐसे होगा आपको फायदा