नई दिल्ली पेट्रोल-डीजल के रोजाना बढ़ते भाव (Petrol-diesel Price) सिर्फ आम लोगों को ही परेशान नहीं कर रहे हैं, अब उद्योग धंधे पर भी इसका असर पड़ने लगा है। भारत में बहुत से उद्योगों के लिए इंधन जरूरी कच्चे माल की तरह काम आता है। बहुत सी इंडस्ट्री कच्चा माल मंगाने से लेकर तैयार प्रोडक्ट सप्लाई करने तक रोड ट्रांसपोर्ट पर निर्भर है, इसलिए भी उन पर डीजल की महंगाई (diesel Price) की मार पड़ती है। इसके साथ ही बहुत ही फैक्ट्रियों में ऐसा कच्चा माल यूज होता है जो इंजन की कीमत पर निर्भर करता है। इंधन की लगातार बढ़ती कीमतें अब इंडस्ट्री पर काफी असर डालने लगी है। उद्योग संगठन संगठन सीआईआई (CII) ने सरकार से मांग की है कि उसे अब इंधन की कीमतों पर टैक्स में कमी करनी चाहिए और इसके भाव पर नियंत्रण करना चाहिए।यह भी पढ़ें: अब झट से बिक जाएंगी सरकारी कंपनियां, देरी रोकने के लिए नीति आयोग ने दिए सुझावउद्योग पर पड़ने लगा है असर टाटा स्टील के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर टीवी नरेंद्र ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल के बढ़ते भाव की वजह से उद्योग जगत पर असर पड़ने लगा है। उन्होंने कहा है कि अब सही समय आ गया है जब सरकार को आम लोगों के साथ उद्योगों को राहत देने के लिए इसके भाव में कमी करनी चाहिए। नरेंद्र ने कहा सरकार ने पिछले 3000 साल से पेट्रोल डीजल के भाव पर टैक्स में काफी वृद्धि की है अब केंद्र और राज्य सरकारों को लोगों और उद्योग धंधों को राहत देने के लिए आगे आना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकारों को आपस में बातचीत कर डीजल और पेट्रोल पर भाव में कमी करनी चाहिए।उन्होंने कहा है कि पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स को भी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के तहत लाना चाहिए नरेंद्र ने कहा मुझे यह नहीं पता है कि क्या समस्या है लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर अब पेट्रोलियम प्रोडक्ट को भी जीएसटी के तहत लाने पर विचार करना चाहिए अगर बात एविएशन इंडस्ट्री की करें तो एयरलाइंस के कुल खर्च का साथ ही दी इंधन पर किया जाता है हम सरकार से यह मांग करते हैं कि एटीएस को भी जीएसटी के तहत लाया जाना चाहिए देश में कोरोनावायरस की वजह से कारोबार पर काफी असर पड़ा है और इस वजह से जॉब के मौके भी घटे हैं नरेंद्र ने कहा कि ग्रामीण इलाके में बेरोजगारी के आंकड़े 8 फ़ीसदी से बढ़कर 14 फ़ीसदी तक हो गए हैं टीवी नरेंद्रन उद्योग संस्था सीआईआई के प्रेसिडेंट भी हैं उन्होंने कहा कुर्ला सटका दो चरणों की वजह से लोगों की आमदनी पर असर पड़ा है इससे लोगों को जीवन यापन में मुश्किलें आ रही हैं और कंज्यूमर सेंटीमेंट बिगड़ा है इसके साथ ही आम लोगों का चिकित्सा पर खर्च बढ़ा है इस वजह से आने वाले कुछ दिनों में ग्राहकों की मांग पर असर देखा जा सकता है नरेंद्र ने कहा कि इन सभी हालात को देखते हुए सरकार को आम लोगों को छोटी अवधि में कुछ राहत देने के उपाय करना चाहिए इसके लिए सरकार जीएसटी रेट में कटौती कर सकती है नरेंद्र ने कहा कि जीएसटी रेट में दो तीन फ़ीसदी की कमी करने से आम लोगों को कुछ राहत मिल सकती है पुराना संकट के दौर में बहुत से लोगों की नौकरी चली गई है यह उन्हें अपनी सैलरी कटवाने पड़ी हैयह भी पढ़ें: कोरोना संकट की वजह से इस चमकदार धंधे की खत्म हो गई है रौनकरेलवे ने शुरू की 20 जोड़ी से अधिक ट्रेन, जानिए इनके बारे में