बेंगलूरु: दुनिया अभी कोरोना और यूक्रेन युद्ध के कहर से उबर नहीं पाई है जबकि इंडियन इकॉनमी तेजी से बढ़ रही है। आईएमएफ (IMF) के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ कर रही इकॉनमी है। इसके 2023 में 6.1 फीसदी और 2024 में 6.8 फीसदी की ग्रोथ से बढ़ने का अनुमान है। दूसरी ओर 2023 में ग्लोबल इकॉनमी में गिरावट आने की आशंका है। सवाल यह है कि जब ग्लोबल इकॉनमी में गिरावट आ रही है तो भारत की अर्थव्यवस्था कैसे कुलांचे मार रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज इसका खुलासा किया। उन्होंने कहा कि स्थाई निर्णायक सरकार, लगातार सुधारों और जमीनी स्तर पर सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण के कारण बड़े पैमाने पर लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा गया है। भारतीय इकॉनमी ने अपनी आंतरिक क्षमता के दम पर हर चुनौती को पार किया है।मोदी ने सोमवार को यहां इंडिया एनर्जी वीक की शुरुआत करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आईएमएफ ने 2023 के लिए जो ग्रोथ प्रोजेक्शन जारी किया है, उसके मुताबिक 2023 में भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली इकॉनमी होगी। महामारी और यूक्रेन युद्ध के बावजूद 2022 में भारत ग्लोबल इकॉनमी के लिए ब्राइट स्पॉट रहा है। देश में इंटरनल रेजिलिएंस की वजह से हर चुनौती को पार किया है। भारतीय इकॉनमी के तेज गति से आगे बढ़ने के तीन मुख्य कारण हैं। पहला कारण यह है कि हमारे पास मजबूत फैसले लेने वाली स्थाई सरकार है। दूसरा कारण यह है कि हमने लगातार सुधार किए हैं। तीसरी वजह यह है कि हमने ग्रासरूट लेवल पर बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण किया है।क्यों आना चाहिए भारतप्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में देश में व्यापक बदलाव देखने को मिले हैं। देश की एक बड़ी आबादी गरीबी के चंगुल से बाहर निकली है। यह संख्या यूरोप के कई देशों की कुल आबादी से ज्यादा है। करोड़ों लोग गरीबी से निकलकर मिडल क्लास तक पहुंचे हैं। गांव-गांव को इंटरनेट से जोड़ने के लिए पूरे देश में 6 लाख किमी से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर बिछाई जा रही है। 2014 के मुकाबले देश में ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या में 14 गुना इजाफा हुआ है। मोबाइल फोन प्रॉडक्शन में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। दुनिया का सबसे बड़ा एस्पिरेशनल क्लास भारत में है।मोदी ने इंडिया एनर्जी वीक में आए दुनियाभर के निवेशकों को भारत में निवेश करने का न्योता देते हुए कहा कि हाल में जो बजट पेश किया गया है, वह सरकार की नीतियों को पुष्ट करता है। अभी दुनिया की कुल तेल खपत में भारत की हिस्सेदारी पांच फीसदी है जो बढ़कर 11 फीसदी पहुंच सकती है। इसी तरह गैस की मांग 500 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। भारत में ऊर्जा के हर क्षेत्र में निवेश की प्रबल संभावनाएं हैं। इस दशक के अंत तक भारत के एनर्जी मिक्स में 50 फीसदी हिस्सा नॉन-फॉसिल फ्यूल का होगा।E-20 ईंधन लॉन्चआज शुरू हुए इंडिया एनर्जी वीक का मकसद एनर्जी ट्रांजिशन के केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती ताकत को प्रदर्शित करना है। इसमें दुनियाभर के 30 से अधिक मिनिस्टर, हजारों डेलिगेट्स, 1000 से अधिक एग्जीबिटर्स और करीब 500 स्पीकर्स हिस्सा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर ग्रीन एनर्जी के फील्ड में कई इनिशिएटिव्स को लॉन्च किए। इनमें 20 फीसदी एथनॉल युक्त पेट्रोल (E20) सबसे प्रमुख है। पीएम ने नोजल दबाकर इसका शुभारंभ किया। इसके साथ ही देश के 15 शहरों में इसकी बिक्री शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री ने साथ ही देश में विकसित इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम भी लॉन्च किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि दो साल में यह तीन करोड़ घरों तक पहुंचेगा।