नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ब्रिक्स के समिट में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हैं। ब्रिक्स में भारत के अलावा मेजबान दक्षिण अफ्रीका, चीन, रूस और ब्राजील शामिल हैं। इसमें रूस को छोड़कर बाकी सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इसमें हिस्सा लेने के लिए पहुंची है। करीब दो दशक तक ग्लोबल इकॉनमी का ग्रोथ इंजन रहे चीन के लिए आजकल चारों तरफ से निगेटिव खबरें आ रही है। देश में बेरोजगारी चरम पर है, एक्सपोर्ट लगातार गिर गया है, खपत कम हो गई है, रियल एस्टेट का भट्टा बैठ गया है, विदेशी निवेश गिर रहा है, विदेशी कंपनियां चीन से बोरिया बिस्तर समेट रही हैं और अमेरिका का साथ तनाव बढ़ रहा है। दूसरी ओर भारत की इकॉनमी को लेकर चारों तरफ से सकारात्मक खबरें आ रही हैं। इसी बीच पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत जल्दी ही पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा और वह आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया की वृद्धि का इंजन होगा।मोदी ने ब्रिक्स बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग को संबोधित करते हुए कहा कि मिशन-मोड में किए गए सुधारों ने भारत में कारोबार सुगमता को बेहतर बनाया है। उन्होंने उद्योगपतियों को देश की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। डिजिटल लेनदेन के मोर्चे पर भारत की प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के लिए ‘यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस’ (यूपीआई) का इस्तेमाल करने की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) एक साथ मिलकर वैश्विक कल्याण खासतौर से ‘ग्लोबल साउथ’ में अहम योगदान दे सकते हैं।भारत की GDP को लेकर आई खुशखबरी, ये देखकर जल-भुन जाएगा चीनग्रोथ का इंजनब्रिक्स का यह वर्ष 2019 के बाद पहला ऐसा सम्मेलन है जिसमें सभी नेता व्यक्तिगत रूप से शामिल हो रहे हैं। मोदी ने कहा कि जल्द ही भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया की वृद्धि का इंजन बनेगा। उन्होंने कहा कि देश ने आपदाओं और कठिनाइयों को आर्थिक सुधार के अवसरों में बदल दिया है। हमने पिछले कुछ वर्षों में मिशन के रूप में जिन सुधारों को आगे बढ़ाया है, उसने भारत में कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर बनाई है। मोदी ने सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान समेत अन्य सुधारों पर जोर देते हुए कहा कि भारत अब लालफीताशाही को हटाकर लाल कालीन बिछा रहा है।प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता के कारण निवेशक का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है। कारोबारियों को भारत की विकास यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने रक्षा तथा अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों को निजी निवेश के लिए खोला है और साजोसामान लागत में कमी आने के कारण विनिर्माण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भारत को सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया जैसे क्षेत्रों में वैश्विक विनिर्माण केंद्र (हब) बनाने के लिए कदम उठा रही है।China Economy Crisis : इकॉनमी बचाने के लिए चीन ने चली उल्टी चाल, जानिए क्या है माजरायूपीआई अपना रहे कई देशउन्होंने कहा कि यह जाहिर है कि इससे भारत में नवीनीकरण प्रौद्योगिकी के लिए एक बड़ा बाजार उत्पन्न होगा। प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर भारत ने वित्तीय समावेशन की ओर एक बड़ा कदम उठाया है और ग्रामीण महिलाओं को इससे सबसे ज्यादा फायदा मिला है। 360 अरब डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) हुआ है जिससे सेवा आपूर्ति में पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार और बिचौलिए कम हुए हैं। यूपीआई प्लेटफॉर्म का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल तक में इसका इस्तेमाल किया जाता है।मोदी ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और फ्रांस जैसे देश यूपीआई प्लेटफॉर्म में शामिल हो रहे हैं और ब्रिक्स देशों के साथ भी इस पर काम करने की असीम संभावनाएं हैं। पीएम ने कहा कि बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है जो भविष्य के नए भारत की मजबूत नींव रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया का तीसरी बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम है और यहां पर 100 से भी अधिक यूनिकॉर्न मौजूद हैं।(भाषा से इनपुट के साथ)