हाइलाइट्सप्रॉजेक्ट के तहत रेलवे स्टेशनों के बाहरी परिसर में ट्रेन के कोच में रेस्टोरेंट खोले जाने हैं।इससे न केवल रेलवे परिसर में अच्छा माहौल बनेगा बल्कि असंगठित क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ-साथ आम जनता को भी सुविधा होगी।भोपाल डिवीजन ने ओपन टेंडर के माध्यम से दो बैक टू बैक कॉन्ट्रैक्ट्स को अंतिम रूप दिया है। नई दिल्लीकमाई बढ़ाने के लिए रेलवे (Indian Railways) ने अपनी एक पुरानी परियोजना पर फिर से काम करना शुरू कर दिया है। यह परियोजना है रेल कोच रेस्तरां (Rail Coach Restaurant)। ट्रेन के किराए के इतर नॉन फेयर रेवेन्यु (NFR) के जरिए कमाई करने के लिए रेलवे ने इस परियोजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत रेलवे स्टेशनों के बाहरी परिसर में ट्रेन के कोच में रेस्टोरेंट खोले जाने हैं। बीच में कोविड19 की वजह से इस परियोजना पर अस्थायी ब्रेक लग गया लेकिन अब रेलवे ने एक बार फिर इस पर काम करना शुरू कर दिया है।इस दिशा में वेस्ट सेंट्रल रेलवे के भोपाल और जबलपुर डिवीजन ने एक कदम आगे बढ़ा दिया है। भोपाल डिवीजन (Bhopal Division) ने ओपन टेंडर के माध्यम से एनएफआर (नॉन फेयर रेवेन्यु) के तहत दो बैक टू बैक कॉन्ट्रैक्ट्स को अंतिम रूप दिया है। एक कॉन्ट्रैक्ट भोपाल रेलवे स्टेशन और दूसरा इटारसी रेलवे स्टेशन पर रेल कोच रेस्तरां के लिए है। यह कदम रेल यात्रियों और आम जनता को एक नया अनुभव देगा और शहर का एक अनूठा स्थान भी होगा। भोपाल और इटारसी स्टेशन से कितनी कमाई होने का अनुमानभोपाल रेलवे स्टेशन पर रेल कोच रेस्तरां के लिए दिए गए कॉन्ट्रैक्ट की अवधि 5 साल है और इस अवधि में इससे रेलवे को 58,72,329 रुपये की एनएफआर अर्निंग होगी। इटारसी स्टेशन पर भी इसी तरह के रेल कोच रेस्तरां के लिए दूसरा ठेका दिया गया है। इस कॉन्ट्रैक्ट की अवधि भी 5 वर्ष है और रेलवे को इस अवधि में 88,45,929 रुपये की एनएफआर कमाई प्राप्त होगी। इन ठेकों से कुल मिलाकर भोपाल डिवीजन को एनएफआर के तौर पर 1,47,18,258 रुपये की कमाई होगी।Image: West Central Railway Twitterजबलपुर डिवीजन को कितनी कमाई का अनुमानजबलपुर डिवीजन (Jabalpur Division) ने जबलपुर, मदनमहल, कटनी मुरवारा, सतना और रीवा स्टेशनों के सर्कुलेटिंग एरिया में कोच रेस्तरां के लिए कॉन्ट्रैक्ट दे दिया है। ओपन टेंडर के अनुरूप टेंडर को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इससे अगले 5 वर्षों में 3.33 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा, जो अलग-अलग स्टेशनों के आधार पर इस तरह है-जबलपुर : 13 लाख रुपये प्रति वर्षमदनमहल : 8.20 लाख रुपये प्रति वर्षकटनी मुरवारा : 18.20 लाख रुपये प्रति वर्षसतना : 16.80 लाख रुपये प्रति वर्षरीवा : 6.57 लाख रुपये प्रति वर्षयह भी पढ़ें:दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सरकार को हर माह होगी कितने करोड़ की कमाई, गडकरी ने बतायाकैसे स्थापित होंगे रेल कोच रेस्तरांरेल कोच रेस्तरां के लिए लाइसेंस पाने वाले को पुराने खराब हो चुके कोच उपलब्ध कराए जाएंगे। इन कोचों का नवीनीकरण कर लाइसेंसधारी द्वारा रेस्टोरेंट में तब्दील किया जाएगा। कोच, रेलवे की संपत्ति के रूप में रहेंगे। जारी किए गए एक बयान के मुताबिक, रेल कोच रेस्तरां के लिए प्रत्येक लोकेशन पर 1200 वर्ग फुट क्षेत्र उपलब्ध कराया गया है। इससे न केवल रेलवे परिसर में अच्छा माहौल बनेगा बल्कि असंगठित क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ-साथ आम जनता को भी सुविधा होगी।Red Lady Finger Farming Business Idea: लाल भिंडी करेगी मालामाल, ऐसे की मार्केटिंग तो 30 लाख रुपये तक का होगा मुनाफा!