हाइलाइट्स:रिलायंस के बोर्ड में शामिल हो सकते हैं सऊदी अरामको के चेयरमैनसऊदी अरब के पब्लिक वेल्थ फंड के गवर्नर भी हैं यासिर अल-रुमायन24 जून को रिलायंस के एजीएम में इस बारे में घोषणा की जा सकती हैअंबानी ने ओ2सी में 20 फीसदी हिस्सेदारी अरामको को बेचने की घोषणा की थीनई दिल्लीदेश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और सऊदी अरब की तेल कंपनी सऊदी अरामको (Saudi Aramco) के बीच 15 अरब डॉलर की मेगा डील एक बार फिर सुर्खियों में है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सऊदी अरामको के चेयरमैन और सऊदी अरब के पब्लिक वेल्थ फंड (PIF) के गवर्नर यासिर अल-रुमायन (Yasir Al-Rumayyan) को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के बोर्ड में शामिल किया जा सकता है। माना जा रहा है कि 24 जून को कंपनी के एजीएम में इस बारे में घोषणा की जा सकती है।यासिर अल-रुमायन को आरआईएल या ऑयल टु केमिकल (O2C) यूनिट में शामिल किया जा सकता है। ब्रोकरेज एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च (HSBC Global Research) ने एक रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस के एजीएम में कुछ अपडेट की उम्मीद की जा सकती है। ऐसी अटकलें हैं कि सऊदी अरामको के चेयरमैन रिलायंस के बोर्ड में शामिल हो सकते हैं। हालांकि आरआईएल और सऊदी अरामको ने इस बारे में उन्हें भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया। पीआईएफ को भेजे गए ईमेल का भी कोई जवाब नहीं आया। पीआईएफ ने रिलायंस रीटेल और जियो में माइनोरिटी स्टेक लिया है।क्या फिरने लगे हैं अनिल अंबानी के दिन! ग्रुप के शेयरों में भारी उछालसौदे पर आगे बढ़ी बातपिछले महीने खबर आई थी कि एशिया और भारत के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने तेल रिफाइनिंग और पेट्रोरसायन इकाई में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए सऊदी अरामको (Saudi Aramco) के साथ नकद और शेयर सौदे पर बातचीत की है। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। अंबानी ने अगस्त 2019 में तेल व रसायन कारोबार (ओ2सी) में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी को बेचे जाने के बारे में बातचीत की घोषणा की थी। इस कारोबार में गुजरात के जामनगर में दो तेल रिफाइनरी और पेट्रोरसायन संपत्ति शामिल हैं।पीएनबी हाउसिंग-कार्लाइल डील को सेबी का झटका, शेयरहोल्डर्स की वोटिंग पर रोकयह सौदा मार्च 2020 तक पूरा होना था लेकिन इसमें देरी हुई। हालांकि इसका कारण नहीं बताया गया। अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने पिछले महीने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी थी कि हाल के सप्ताह में दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हुई है। इसमें कहा गया है कि अरामको शुरू में हिस्सेदारी के लिए शेयर और बाद में कई साल में चरणबद्ध तरीके से नकद भुगतान पर विचार कर रही है। शेयर बनाम नकद का अनुपात अभी चर्चा का विषय बना हुआ है और शर्तों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।