नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) में प्रमुख नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता है। ऐसा मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के मद्देनजर किया जा सकता है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (RBI Monetary Policy Committee) की बैठक सोमवार 7 फरवरी से शुरू होनी वाली थी। लेकिन लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन पर महाराष्ट्र में सोमवार को अवकाश घोषित किए जाने के चलते बैठक की तारीख को बढ़ा दिया गया है। अब यह बैठक 8 फरवरी से शुरू होगी और 10 फरवरी तक चलेगी। बजट के तुरंत बाद होने वाली MPC की इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।रेपो रेट में हो सकता है बदलावविशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) नीतिगत रुख को ‘उदार’ से ‘तटस्थ’ में बदल सकती है। साथ ही नकदी के सामान्यीकरण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में रिवर्स-रेपो दर में बदलाव कर सकती है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि बजट में वृद्धि को लेकर दिए गए आश्वासन और कच्चे तेल की कीमतों के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका को देखते हुए ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि रिजर्व बैंक रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत (25 आधार अंक) की वृद्धि करके सामान्यीकरण की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।’’ उन्होंने कहा कि इस बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि अगले वर्ष इसमें 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है।इस साल महंगाई रहनी चाहिए कमकोटक महिंद्रा बैंक में उपभोक्ता बैंकिंग की समूह अध्यक्ष शांति एकमबराम ने भी उम्मीद जताई कि केंद्रीय बैंक रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसदी का बदलाव कर सकता है। बार्कलेज में एमडी व चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट राहुल बजोरिया का कहना है कि आरबीआई की ओर से पॉलिसी गाइडेंस, दुनिया के अन्य केन्द्रीय बैंकों के मुकाबले ज्यादा शांतिवादी रहेगा। इसकी वजह है कि भारत में आउटपुट गैप लंबे वक्त तक निगेटिव रह सकता है, जबकि 2022 के दौरान महंगाई कम रहनी चाहिए। एडलवीज के कपिल गुप्ता ने एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा कि उम्मीद है कि रेपो रेट पर आरबीआई यथास्थिति बरकरार रखेगा, जबकि रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की संभावना है। अभी 4 फीसदी है रेपो रेटएमपीसी की पिछली बैठक दिसंबर 2021 में हुई थी। तब केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा था। कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के इरादे से केंद्रीय बैंक ने लगातार नौवीं बार नीतिगत दर को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखने का फैसला किया था।RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने बदली मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग की तारीख, लता मंगेशकर के निधन से है सीधा कनेक्शन