नई दिल्ली: अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप (Adani Group) के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें गौतम अडानी (Gautam Adani) की अगुवाई वाले इस ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है। लेकिन इस पर काफी हंगामा हुआ था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मार्केट रेगुलेटर सेबी को इन आरोपों की जांच करने को कहा था। सेबी ने अपनी जांच पूरी कर ली है और माना जा रहा है कि वह इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट को जांच रिपोर्ट सौंपने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि सेबी अपनी जांच पूरी कर चुका है और यह फाइनल रिपोर्ट होगी।हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत के साथ छेड़छाड़ करने और रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शंस का खुलासा नहीं करने के आरोप लगाए थे। आरोप है कि अडानी ग्रुप ने मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (MPS) के नियमों की खामियों का फायदा उठाया था। हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस बात की पूरी संभावना है कि इस बारे में सेबी की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के लिए ज्यादा कुछ चिंताजनक नहीं होगा। हालांकि रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शंस के बारे में कुछ फाइंडिंग्स हो सकती है। इस बारे में सेबी ने ईटी के सवालों का जवाब नहीं दिया।गौतम अडानी को तगड़ा झटका, APSEZ का ऑडिटर छोड़ने की तैयारी में, कुछ ट्रांजैक्शंस को लेकर मैनेजमेंट से है मतभेदऑडिटर ने किया किनारासुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अपनी रिपोर्ट पूरी करने और इसे सौंपने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया था। इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होनी है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। शनिवार को अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड के ऑडिटर डेलॉइट हेसकिंस एंस सेल्स ने इस्तीफा दे दिया था। कुछ ट्रांजैक्शंस को लेकर उसका मैनेजमेंट के साथ मतभेद था। उसने अडानी पोर्ट्स के 2023 के रिजल्ट्स के बारे में क्वालिफाइड ओपिनियन जारी किया था। इसका मतलब ऐसी ऑडिट रिपोर्ट से है जो साफ-सुथरी नहीं है।