हाइलाइट्सचिप किल्लत की वजह से कार कंपनियां समय पर नहीं कर पा रही हैं कार की डिलीवरी कई महीनों में प्रतीक्षा अवधि चल रही है और यह कुछ के लिए एक वर्ष भी स्थिति को सामान्य होने में लगेगा समयनई दिल्लीसेमीकंडक्टर संकट (Semiconductor Shortage) के चलते देश में 7 लाख से ज्यादा कार खरीदार अपनी कार के घर आने का इंतजार कर रहे हैं। सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत की वजह से कार कंपनियां समय पर नई कार की डिलीवरी नहीं कर पा रही हैं। एक ओर अर्थव्यवस्था के खुलने के बाद मांग में अचानक उछाल आया और नए मॉडल्स की धड़ाधड़ लॉन्चिंग हो रही है तो दूसरी ओर सेमीकंडक्टर्स की कमी है। ऐसे में कार की डिलीवरी के लिए वेटिंग पीरियड लंबा हो रहा है और डिलीवरी का इंतजार कर रहे ग्राहकों की कतार भी।अफसोस की बात यह है कि कई लोगों के लिए डिलीवरी में देरी का मतलब है कि उन्हें अपने वाहन के लिए अधिक भुगतान करना होगा क्योंकि उन्हें डिलीवरी के समय पर लागू कीमतों का भुगतान करना होगा। कार कंपनियों के लिए इनपुट लागत बढ़ रही है, और इस साल की शुरुआत से औसतन लगभग 6% की वृद्धि हुई है।कुछ गाड़ियों के लिए 1 साल का वेटिंग पीरियडकई महीनों में प्रतीक्षा अवधि चल रही है और यह कुछ के लिए एक वर्ष भी है। जिन टॉप मॉडल्स के लिए वेटिंग पीरियड काफी लंबा है, उनमें महिंद्रा XUV7OO एसयूवी, मारुति के सीएनजी वेरिएंट; हुंडई क्रेटा, किआ सेल्टोस, एमजी एस्टर, टाटा पंच, मर्सिडीज जीएलएस और ऑडी ईट्रॉन इलेक्ट्रिक जैसी एसयूवी शामिल हैं। किस कार कंपनी के कितने ग्राहक कर रहे इंतजारमारुति: 2.5 लाख से अधिकहुंडई: 1 लाख से अधिकटाटा मोटर्स: 1 लाख से ज्यादा महिन्द्रा: 1 लाख से ज्यादाकिआ मोटर्स: 75000 से ज्यादाएमजी मोटर्स: 46000 से ज्यादाफॉक्सवैगन, स्कोडा, टोयोटा, निसान, रेनॉ, ऑडी सभी को मिलाकर: 75000 से ज्यादामर्सिडीज इंडिया: 2800 से ज्यादायह भी पढ़ें: हजारों नौकरियां, कई सारे स्टार्टअप… सेमीकंडक्टर के लिए 76 हजार करोड़ मिलने से भारत यूं बनेगा आत्मनिर्भरकब तक बनी रहेगी समस्यासेमीकंडक्टर की वैश्विक कमी उत्पादन में जल्दी रैंप-अप की किसी भी संभावना के लिए एक बड़ी बाधा के रूप में उभरी है और कंपनियों का कहना है कि स्थिति को सामान्य होने में समय लगेगा। वर्तमान आकलन यह है कि समस्या कम से कम 2022 की पहली छमाही तक बनी रहेगी। इलेक्ट्रिक कारों के लिए वेटिंग पीरियड सबसे अधिक है क्योंकि इनमें कई चिप की जरूरत होती है। हालांकि कंपनियां कारों का इंतजार कर रहे ग्राहकों की लंबी कतार को कम करने के लिए उत्पादन बढ़ाने और चिप की आपूर्ति करने की कोशिश कर रही हैं। पंडित नेहरू के दिल के करीब था होटल अशोक, जानिए पूरी कहानी