Uday Kotak explains his decision to quit early

नई दिल्ली: उदय कोटक (Uday Kotak) ने कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल दिसंबर तक था। उनके इस तरह समय से पहले पद छोड़ने से बिजनस की दुनिया और निवेशकों में हड़कंप मचा है। कोटक इस बैंक के फाउंडर हैं और पिछले 38 साल से इसके साथ लीडरशिप रोल में जुड़े थे। इसकी स्थापना साल 1985 में एक एनबीएफसी के रूप में हुई थी और आज यह मार्केट कैप के लिहाज से देश का चौथा बड़ा बैंक है। अपनी इस यात्रा में बैंक ने कई लोगों को करोड़पति बनाया। इस दौरान उन्होंने कई जॉइंट वेंचर बनाए, कई कंपनियों का अधिग्रहण किया और कई साहसिक कदम उठाए। ईटी के साथ बातचीत में कोटक ने समय से जल्दी पद छोड़ने और अपने सफर के बारे में विस्तार से बात की।कोटक ने कहा, ‘नियमों के मुताबिक चेयरमैनमुझे और दीपक गुप्ता को 31 दिसंबर से पहले पद छोड़ना था। साथ ही हमें सीईओ और चेयरमैन के उत्तराधिकारी के बारे में भी एप्लिकेशन देनी थी। इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मैंने रिजाइन देने का फैसला किया। फाइनेंशियल ईयर भी खत्म हो चुका है और मेरी सारी जिम्मेदारियां भी पूरी हो चुकी हैं। 38 साल पहले हमने मुंबई में तीन लोगों के साथ काम शुरू किया था। अब जिंदगी में आगे बढ़ने का समय है।’ उन्होंने कहा कि बैंक ने नए सीईओ और चेयरमैन के लिए एप्लिकेशन दे दी है। सीईओ पद के लिए दो नाम सौंपे गए हैं।Anand Mahindra: आनंद महिंद्रा ने पूरा किया था उदय कोटक का सपना, अब अपना सपना पूरा करने की बारी!किसके साथ बनाएंगे जेवीउन्होंने कहा, ‘मैं यह बात साफ कर देना चाहता हूं कि पद छोड़ने का फैसला मेरा था और यह फैसला किसी के दबाव में आकर नहीं लिया गया है। तकनीकी रूप से हम सब अप्रैल 2021 से ही ट्रांजिशन में थे।’ कोटक ने कहा कि देश में गोल्डमैन सैश को पार्टनर बनाना उनके लिए सबसे यादगार लम्हों में से एक है। बैंक ने 1995-96 में गोल्डमैन सैश के साथ पहला जेवी बनाया था। उन्होंने कहा कि अगर आज मुझे जॉइंट वेंचर बनाने का मौका मिले तो मैं ऐपल या ऐमजॉन के साथ जाना पसंद करूंगा।कोटक महिंद्रा बैंक आज देश का तीसरा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है। इस बैंक की स्थापना 1985 में एनबीएफसी के रूप में हुई थी। तबसे उदय कोटक इस बैंक की अगुवाई कर रहे हैं। 2003 में कोटक महिन्द्रा को कमर्शियल बैंक का लाइसेंस मिला था। तीन दशक से भी अधिक समय में इस बैंक के वैल्यूएशन में काफी तेजी आई है। कोटक का कहना है कि जिस इन्वेस्टर ने 1985 में बैंक में 10,000 रुपये का निवेश किया था आज उसकी वैल्यू 300 करोड़ रुपये हो गई। कोटक की इस बैंक में 26 परसेंट हिस्सेदारी है। उनकी नेटवथ 13.7 अरब डॉलर है।उदय कोटक का पूरा इंटरव्यू पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।