हाइलाइट्स:कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री ने डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करते हुए कुछ नियम बनाए हैं। इसके तहत कंपनियां एजेंट से रजिस्ट्रेशन चार्ज नहीं ले सकती हैं। कपनियां एजेंट को प्रमोशन के लिए देने वाली चीजों के पैसे भी नहीं ले सकती हैं। कंपनियों को अपना एक 24 घंटे चलने वाला कस्टमर केयर सर्विस सेंटर भी बनाना होगा।नई दिल्लीRules For Direct Selling Companies: भारत सरकार ने डायरेक्ट सेलिंग करने वाली एमवे, ओरिफ्लेम, टप्परवेयर जैसी कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए उनके लिए कुछ नियम बनाए हैं। कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री ने इन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करते हुए कुछ नियम बनाए हैं। इसका मकसद है कि विक्रेताओं या एजेंट का हित तो सुरक्षित रहे ही, ग्राहकों के प्रति भी डायरेक्ट सेलिंग करने वाली कंपनियों की जवाबदेही बढ़े। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार दीपक दास ने इस पर डिटेल रिपोर्ट की है।ये पहली बार है जिसमें ऐसा नियम बनाया गया है कि ये कंपनियां अपने एजेंट को सामान के प्रदर्शन के लिए देने वाली चीजों के पैसे नहीं ले सकती है। ना ही एजेंट से कोई एंट्री या रजिस्ट्रेशन फीस ले सकती हैं। इससे पहले 2016 में भी सरकार ने ऐसी ही गाइडलाइंस बनाई थीं, लेकिन तब इसे सिर्फ सुझाव के तौर पर लाया गया था। इस बार सरकार ने जो नियम बनाए गए हैं, उन्हें कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत लाया गया है। ऐसे में अगर कंपनियां अभी भी नियमों का उल्लंघन करती हैं तो उन पर जुर्माना भी लगेगा।40 पैसे वापस नहीं किए तो होटल को घसीटा कोर्ट में, जानिए चंद पैसे छोड़ने से कैसे लाखों कमाते हैं ये बिजनस वाले!भारत में डायरेक्ट सेलिंग में लगी हर कंपनी को इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट (DPIIT) के साथ रजिस्टर होना जरूरी है। साथ ही रजिस्ट्रेशन नंबर भी कंपनी के वेबसाइट और इनवॉइस पर अच्छे से दिखना चाहिए। साथ ही उनके पास कुछ डेडिकेटेड एग्जिक्युटिव्स होना चाहिए, जो लोगों के झगड़ों को सुलझाएं। साथ ही इन कंपनियों का एक 24*7 कस्टमर केयर नंबर भी होना चाहिए, जहां ग्राहकों की समस्याओं का निपटारा हो सके। नए नियमों में ये भी कहा गया है कि कोई भी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी पिरामिड स्कीम को बढ़ावा नहीं देगी, ना ही मनी सर्कुलेशन स्कीम के तहत अपना डायरेक्ट सेलिंग का बिजनस करेगी। पिरामिड स्कीम में लोगों को और लोग जोड़ने के लिए पैसे दिए जाते हैं, ना कि उन्हें प्रोडक्ट या सर्विस बेचने को कहा जाता है। ड्राफ्ट किए नए नियमों में कहा गया है कि डायरेक्ट सेलिंग करने वाली सभी कंपनियों को 90 दिनों में नए नियमों को लागू करना होगा। कहां मिल रहा है 40 लाख तक का सबसे सस्ता पर्सनल लोन