नई दिल्ली: वॉट्सऐप (Whatsapp) और फेसबुक (Facebook) जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से कॉल करना भविष्य में मुश्किल हो सकता है। देश की टॉप टेलिकॉम कंपनियों ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ टेलिकॉम रेगुलेटर ट्राई (TRAI) में शिकायत की है। इनमें रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं। इन कंपनियों का कहना है कि वॉट्सऐप, फेसबुक, टेलीग्राम (Telegram), इंस्टाग्राम (Instagram) और स्काइप (Skype) जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने इंटरनेट बेस्ड कम्युनिकेशंस कंपनियों के लिए रेगुलेटरी और लाइसेंसिंग व्यवस्था बनाने की मांग की है। इससे ये कंपनियां देश के कानूनों और गाइडलाइंस के हिसाब से चलेंगी।एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल की अगुवाई में टेलिकॉम कंपनियों के अधिकारियों की ट्राई के चेयरमैन पीडी वाघेला के साथ एक बैठक हुई। इसमें रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया, टाटा टेली (Tata Tele) और बीएसएनएल (BSNL) के सीनियर अधिकारी शामिल थे। उनका कहना है कि मोबाइल कंपनियों के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं लेकिन ओटीटी कंपनियों के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। यह स्थिति तब है जबकि कॉल और मेसेजिंग ट्रैफिक में उनका हिस्सा बढ़ता जा रहा है।वॉट्सऐप से भी ज्यादा ‘सेफ’ संवाद ऐप क्या है, जिससे मोदी सरकार के विभागों में होता है कम्युनिकेशननेशनल सिक्योरिटी को खतराटेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि कई बार ब्लैकआउट और आउटेज की स्थिति में वॉट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म्स की सर्विस डाउन रहती है लेकिन उनसे कोई सवाल नहीं पूछा जाता है। सर्विस की क्वालिटी को लेकर हमसे सवाल पूछे जाते हैं। इंटरनेट कंपनियों के लिए रेगुलेटरी व्यवस्था बहुत आसान है। उनके कारण टेलिकॉम कंपनियों का रेवेन्यू प्रभावित हो रहा है। वे नेटवर्क का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं और उनका मुनाफा भी कम हो रहा है। इन कंपनियों का कहना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इसकी वजह यह है कि अधिकांश ओटीटी प्लेटफॉर्म्स एप बेस्ड हैं। इनके लिए देश में कोई कानून और गाइडलाइंस नहीं है। कई मामलों में ये कंपनियां यूजर डेटा देने से इन्कार कर चुकी हैं।