नई दिल्ली: अगर भगोड़े कारोबारी (Fugitive Businessmen) पैसे का भुगतान करने के लिए तैयार हैं तो क्यों न उन्हें भारत लौटने देने और उनके खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाहियों को रोकने पर विचार किया जाए। यह सलाह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार को दी है। जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने मंगलवार को कहा कि कानूनी कार्यवाही में कई वर्ष लगेंगे और एजेंसियां भगोड़े व्यवसायियों को वापस लाने के अपने प्रयास में सफल हो भी सकती हैं और नहीं भी। ऐसे में अगर भगोड़े कारोबारी पैसे लौटाने पर सहमत हैं तो सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करने पर विचार कर सकती है। इस पर भी विचार किया जा सकता है कि देश वापसी पर उनकी गिरफ्तारी न हो। यह सुझाव हेमंत एस हाथी की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जो स्टर्लिंग समूह के प्रमोटरों के साथ बैंक ऋण के माध्यम से कथित तौर पर 14,500 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में वांछित है। सभी आरोपी भारत से भाग गए हैं और विदेश में रह रहे हैं। उनके अलावा भगोड़े कारोबारियों में नीरव मोदी (Nirav Modi) और विजय माल्या (Vijay Mallya) जैसे कुछ और लोग भी हैं, जो हजारों करोड़ का घोटाला या हेराफेरी करके कानून के शिकंजे से बचने के लिए भारत से भाग गए हैं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जैसी भारतीय एजेंसियां उन्हें वापस लाने की कोशिश कर रही हैं लेकिन उन्हें अब तक सफलता नहीं मिली है।हाथी ने पैसे लौटाने की जताई इच्छाहाथी ने पैसे वापस करने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन वापस आने पर एजेंसी द्वारा मुकदमा चलाए जाने और परेशान किए जाने से सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि उनकी कुल बकाया राशि 1,500 करोड़ रुपये से कुछ अधिक है, जिसमें से 600 करोड़ रुपये बैंकों को चुका दिए गए हैं, और 900 करोड़ रुपये की बकाया राशि वापस करने का आश्वासन दिया है। पीठ ने यह भी समर्थन किया कि राशि सरकार द्वारा स्वीकार की जाए।सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, “आप दुनिया भर में कई लोगों का पीछा कर रहे हैं लेकिन आप कुछ भी हासिल नहीं कर पाए हैं। यहां वह पैसे वापस करने की पेशकश कर रहा है। इसलिए कुछ आपराधिक कार्यवाहियों पर रोक लगाई जा सकती है और उन्हें वापस आने की अनुमति दी जा सकती है।” सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि अगर वह लौटते हैं तो वह गिरफ्तारी नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने हाथी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को समाप्त करने और ट्रायल कोर्ट में चल रहे मामले को आगे न बढ़ाने को लेकर आपत्ति व्यक्त की।Twitter news: कानून मानिए, नहीं तो अपनी दुकान बंद करिए…आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट की ट्विटर को तगड़ी फटकारइन तीन चीजों पर विचार करे सरकारसुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सरकार को चाहिए अगर भगोड़ा आर्थिक अपराधी वापस आता है और पैसे वापस करता है तो उसे तीन मोर्चों पर राहत देने पर विचार किया जाए। उसके खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही रद्द की जानी चाहिए; उसे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए देश भर में यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए; और आपराधिक मामले में उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।Indian Currency Rules: पैसों की कमी होने पर सरकार मर्जी से नोट क्यों नहीं छपवा सकती? जानिए नियम