नई दिल्ली देश में कोरोना के बढ़ते संकट (Covid crisis) को रोकने के लिए कई राज्यों में लॉकडाउन (LockDown) और नाइट कर्फ्यू जैसे उपाय किए गए थे। इस वजह से महीनों तक घर में बंद रहने के बाद अब लोग सड़क और आसमान नापने लगे हैं। घर में महीनों बंद रहने की वजह से लोग इतने थक चुके हैं कि अब वह फटाफट घूमने निकल पड़े हैं। इसके लिए रिवेंज ट्रेवल (Revenge travel) टर्म दिया गया है। कोरोना के दूसरे चरण के जानलेवा संक्रमण को रोकने के लिए करीब 3 महीने तक देश के अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन किया गया था। एक बार जब लॉकडाउन में ढील दी जाने लगी तो लोग बीच के किनारे बने होटल, हिल स्टेशन के होमस्टे या अपने घर के आस-पास के ही किसी रिजॉर्ट पर जाने का मन बना रहे हैं। यह भी पढ़ें: LIC की सरल पेंशन स्कीम में एक बार प्रीमियम चुकाएं, 12000 रुपये जिंदगी भर पेंशन पाएंघर में बंद रहने से उब गए वास्तव में लोग कोरोनावायरस से घर में पड़े पड़े इतने चुके हैं कि वह अब किसी भी बहाने से घर से बाहर निकलना चाहते हैं। वास्तव में कई महीनों तक एंग्जाइटी, work-from-home के तनाव और ऑनलाइन पढ़ने या पढ़ाने की वजह से लोग अपने नजदीकी रिश्तेदारों के भी संपर्क में नहीं आ पाए। इसके साथ ही हर वक्त मास्क लगाए रखने, वैक्सीन लगवाने और बाहर जाने का मौका नहीं मिलने की वजह से लोग ऊब चुके हैं।शिमला-मनाली पहुंचे लोग ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी क्लियरट्रीप के राजीव सुब्रमण्यम ने कहा, “एडवांस बुकिंग तब कहा जाता है जब लोग ट्रेवल डेट से 4 हफ्ते पहले बुकिंग कराते हैं। इस साल ऐसा करने वाले लोगों की संख्या 10 फीसदी है जो पिछले साल 5 फ़ीसदी के करीब रही थी। हम यह उम्मीद कर रहे हैं कि कोरोना टीका करण का अभियान जोर पकड़ने के बाद अगली दो तिमाही में देश में ट्रेवल सेक्टर में रिकवरी दर्ज की जा सकती है।” अगर जमीनी हकीकत की बात करें तो मनाली और शिमला जैसे लोकप्रिय हिल स्टेशन पर अब लोगों की भीड़ नजर आ रही है।किसी भी तरह घर से बाहर चलो आप इसे वर्केशन, स्टेकेशन या ड्राइव केशन कह सकते हैं। अब लोग घूमने के लिए बेकरार हो रहे हैं और भारत में कोरोना के मामले घटने के साथ ही अब लोग बाहर निकलने के लिए तड़प रहे हैं। लोगों की इस इच्छा शक्ति को देखकर कहा जा सकता है कि कोरोना की वजह से बुरी तरह प्रभावित ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर अब सामान्य होने की तरफ बढ़ रहा है। नोएडा के एक आईटी पेशेवर ने कहा कि उन्होंने अपने काम के लिए अब हिमाचल के कुल्लू जिले में नागौर शहर में एक घर चुना है। उन्होंने कहा, “कोरोना संकट के बाद पहली बार हम बाहर घूमने निकल रहे हैं। पिछले 2 महीने बहुत बुरे बीते हैं। हम घर में कैद होकर रह गए हैं, हम अपनी बालकनी तक में नहीं गए। मेरी पत्नी और मेरे बच्चे कहीं बाहर जाना चाहते थे और इसलिए हम हिमाचल के नागौर जिले में आए हैं।”यह भी पढ़ें: लाखों छोटे कारोबारियों को कोरोना से हुए घाटे को पाटने में करेगा मददLIC के सरल पेंशन प्लान से ऐसे होगा आपको फायदा