नई दिल्ली: देश में मोबाइल फोन का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। नए फोन के साथ अब देश में पुराने यानी सेकंड हैंड फोन का भी बड़ा बाजार है। जिस तरह से नए-नए फोन लॉन्च हो रहे हैं। लोग पुराने फोन बेच रहे हैं। ऐसे में लोगों को अब कम रेट में अच्छे पुराने मोबाइल फोन मिल रहे हैं। अब भारत में पुराने स्मार्टफोन को रिपेयर करके उन्हें बेचने का बिजनस भी तेजी से बढ़ रहा है। इस तेजी से बढ़ते बाजार को देखकर दिल्ली के रहने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने एक स्टार्टअप Zobox शुरू किया था। इसकी शुरुआत उन्होंने साल 2020 में की थी। पुराने मोबाइल की खराबी ठीक कर के यह स्टार्टअप उसे दोबारा इस्तेमाल लायक बना देता है और फिर देश भर में तमाम रिटेलर्स के पास बेचने के लिए भेज देता है।ये मोबाइल नए मोबाइल की तुलना में 40-45 फीसदी सस्ते मिलते हैं। आज नीरज चोपड़ा करोड़ों की कंपनी के मालिक हैं। नीरज का बिजनस लगातार बढ़ रहा है। लेकिन उनका ये सफर आसान नहीं था। नीरज को भी शुरुआत में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आईए आपको बताते हैं नीरज ने किस तरह से इतनी सफलता हासिल की।फ्री में मैच दिखाकर ऐसे करोड़ों रुपयों की तगड़ी कमाई करेगा Disney Hotstar, इस तरह होगी पैसों की बरसातऐसे हुई शुरुआतमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीरज चोपड़ा अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 19 साल की उम्र में साल 2000 के करीब हांगकांग चले गए थे। नीरज ने वहां पर एक बिजनेस शुरू किया। वह हांगकांग से इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम भारत भेजते थे। नीरज ने करीब 12 सालों तक इस बिजनेस का तगड़ा एक्सपीरियंस हासिल किया। इसी बीच साल 2012 में उन्हें अचानक से भारत वापस लौटना पड़ा। नीरज को अब तक मोबाइल सेग्मेंट में काफी काम किया था और उन्हें चीन के बाजार की समझ थी। इसके बाद नीरज ने पुराने मोबाइल को रीफर्बिश करने का बिजनेस शुरू किया।इस शेयर में निवेश करने वाले हो रहे कंगाल, सेबी के नोटिस के बाद स्टॉक बेचने की होड़, लगातार लग रहा लोअर सर्किटमुश्किलों से हुआ सामनाअभी नीरज ब्रांड लॉन्च करने की सोच ही रहे थे कि कोरोना ने दस्तक दे दी और लॉकडाउन लग गया। साल 2020 के दिसंबर में नीरज से Zobox Retails Pvt. Ltd. नाम से एक कंपनी रजिस्टर की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। नीरज का बिजनेस तेजी से बढ़ने लगा। एक वक्त था जब वे हर दिन 100 मोबाइल ही सेल कर पाते थे। लेकिन वे आज के समय में रोजाना करीब 20 हजार से 25 हजार मोबाइल बेचते हैं। उन्होंने दिल्ली के करोलबाग में पुराने मोबाइल को रिपेयर करने के लिए रिफर्बिशमेंट यूनिट लगाई। नीरज की कंपनी ई-कॉमर्स कंपनियों से पुराने मोबाइल खरीदकर उन्हें रिफर्बिशमेंट करके नया लुक देती है। इसके बाद ये जो मोबाइल होते है इन मोबाइल को ऑनबोर्ड वेंडर्स की सहायता से सेल किया जाता है।करोड़ों में है टर्नओवरमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज के समय में नीरज की कंपनी का टर्नओवर करीब 50 करोड़ रुपये है। वह अपने बिजनस को और तेजी से बढ़ा रहे हैं। जिस तरह से अब बाजार में रोजाना कंपनियों के नए-नए फोन लॉन्च हो रहे हैं। लोग भी नया फोन लेने के लिए अपने पुराने फोन को बेच रहे हैं। इसी के साथ पुराने मोबाइल फोन का बाजार भी तेजी से बढ़ता जा रहा है।