आर्मेनिया और अमेरिका जल्द ही संयुक्त सैन्य अभ्यास करने वाले हैं। इसे अजरबैजान की आक्रामकता के खिलाफ एक साझा प्रयास माना जा रहा है। आर्मेनिया अभी तक रूस का करीबी था और रक्षा के लिए मॉस्को पर ही निर्भर था। ऐसे में इस फैसले से माना जाने लगा है कि आर्मेनिया अब रूस से दूर जा रहा है।