Pakistan Economy Crisis: जिहाद, कट्टरपंथ, आतंकवाद… कंगाली की छुरी ने काटे पाकिस्तान के सारे हाथ, अब भारत के लिए कोई खतरा नहीं! – pakistan facing severe financial crisis expert says unbale to launch terrorist activities in india

इस्लामाबाद : एक वक्त था जब पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिशें रचता था, सीमापार से आतंकवादियों को भेजता था और हिंदुस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा था। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। वही पाकिस्तान अब घुटनों पर है। कंगाल हो चुका पाकिस्तान वर्तमान में डिफॉल्ट होने की कगार पर खड़ा है। उसके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पीएम मोदी से वार्ता करना चाहते हैं और संबंध सुधारना चाहते हैं। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि आज का पाकिस्तान भारत के लिए खतरा पैदा नहीं कर सकता क्योंकि वह खुद कई मुसीबतों से घिरा हुआ है। रक्षा और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने शुक्रवार को अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘अस्तित्व में आने के बाद से, पाकिस्तान में एक के बाद दूसरा संकट लगातार जारी हैं। सिर्फ 1980 के दशक के बाद से पाकिस्तान आईएमएफ से 13 बार बेलआउट पैकेज ले चुका है। पाकिस्तान का वर्तमान आर्थिक संकट, जिसे उसके प्रधानमंत्री ‘कल्पना से परे’ बता रहे हैं, ने उसे अपने पड़ोस में अराजकता फैलाने लायक नहीं छोड़ा है।’और बिगड़े हालात तो चिंताजनकयह बात सच है कि कमजोर पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम नहीं दे सकता। लेकिन अगर उसके हालात और बुरे हुए तो भारत के लिए चिंताजनक होगा। कंगाली और अराजकता के चलते पाकिस्तान में अगर राजनीतिक सरकार का पतन हुआ तो वहां टीटीपी जैसे आतंकी संगठन और मजबूत हो सकते हैं। वह परिस्थिति भारत के लिए खतरनाक होगी। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का जखीरा भी गलत हाथों में जा सकता है।’एक हाथ में कुरान, दूसरे में परमाणु बम’, पाकिस्तानी मौलाना के जहरीले बोलकट चुके हैं पाकिस्तान के सारे हाथपड़ोसी देश पाकिस्तान इतिहास में कई बार भारत के लिए खतरा बन चुका है। पाकिस्तान अपने संसाधनों का इस्तेमाल अपनी अवाम के बजाय आतंकवाद, कट्टरपंथ और जिहाद को बढ़ावा देने के लिए करता आया है। अब उसके पास अपने खाने के लिए भी संसाधन नहीं बचे हैं। ऊपर से आतंकवाद के जो कांटे वह भारत के लिए बो रहा था, आज टीटीपी के रूप में खुद उसी को चुभ रहे हैं। आईएमएफ से निराशा के हाथ लगने के बाद पाकिस्तान का आर्थिक संकट दूर-दूर तक कम होता नहीं दिख रहा है।(अगर आप दुनिया और साइंस से जुड़ी ताजा और गुणवत्तापूर्ण खबरें अपने वाट्सऐप पर पढ़ना चाहते हैं तो कृपया यहां क्लिक करें।)