15 अगस्त विशेष: जानें क्यों भारतीय UPI से अमेरिका है परेशान? – august 15 special know why america is worried about indian upi

भारत आज स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आजाद भारत ने टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर बड़ी जीत हासिल की है। स्पेस से लेकर कम्यूनिकेशन और ऑनलाइन पेमेंट के मामले में भारत की झंझा बुलंद हैं। भारतीय स्पेस एजेंसी की तरफ से हाल ही में चंद्रयान 3 मिशन लॉन्च किया गया है, जो अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के लिए चुनौती बना हुआ है। साथ ही भारत में 5G नेटवर्क तेजी से रोलआउट हो रहा है। इसके अलावा डिजिटल पेमेंट सिस्टम यूपीआईआ ने खासतौर पर अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है। आज के आर्टिकल में हम इसी पर बातचीत करेंगे कि कैसे यूपीआई सिस्टम अमेरिका की चिंताएं बढ़ा रही है…डिजिटल पेमेंट पर अमेरिका का कब्जाबात उस वक्त की है जब भारत में डिजिटल पेमेंट के नाम पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड मौजूद थे। लेकिन भारतीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड के कारोबार में अमेरिकी कंपनिया मास्टरकार्ड और वीसा का दबदबा था। मतलब आप किसी भी बैंक का डेबिट या क्रेडिट कार्ड लीजिए। लेकिन उसे ऑपरेट करने का काम यही दोनों कंपनियां करती थी। साथ ही मनमाफिक चार्ज लगाती थी। इसके अलावा भारतीयों के डिजिटल पेमेंट डेटा पर कंट्रोल रखती थी। यह दोनों कंपनियां भारतीयों के पेमेंट डेटा को अमेरिका सर्वर पर स्टोर करती थी। अमेरिका के इस दबदबे को कम करने के लिए भारत ने अपना खुद का रुपे डेबिट और क्रेडिट कार्ड लॉन्च किया।Google Pay UPI Lite: अब बिना PIN होगा ट्रांजेक्शन, ऐसे करें एक्टिवेट, देखें वीडियोऐसे खत्म हुआ अमेरिकी कंपनियों का कब्जालेकिन इस दबदबे में कोई कमी नहीं हो सकी। इसके लिए भारत ने यूपीआई पेमेंट सिस्टम विकसित किया। इसे नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई की तरफ से विकसित किया गया। आज के वक्त में यूपीआई का हर जगह इस्तेमाल हो रहा है। भारत के साथ विदेश में भी यूपीआई कापी पॉपुलर हो रहा है। जिसकी वजह से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट के मामले में गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में एक वक्त लगा था कि अमेरिकी कंपनियों जैसे मास्टरकार्ड और वीसा का दबदबा खत्म हो गया।यूपीआई में फिर अमेरिकी एंट्रीलेकिन पेंच उस वक्त फंस गया, जब भारतीय पेमेंट सिस्टम यानी यूपीआई में अमेरिकी टेक कंपनी गूगल पे और फोनपे की दबदबा बढ़ गया। सरकार चाहती थी कि कोई भी एक या दो कंपनियों का कब्जा यूपीआई पर न हो। ऐसे में केंद्र सरकार अब यूपीआई पेमेंट के मामले में फोनपे और गूगल पे के दबदबे को कम करने के लिए यूपीआई प्लगइन सिस्टम लेकर आयी है।क्या है यूपीआई प्लगइन सिस्टमप्लनइन का मतलब है कि यूपीआई पेमेंट करने के लिए यूपीआई ऐप जैसे फोनपे और गूगल पे की जरूरत नहीं होगी। इसमें किसी भी ऑनलाइन पेमेंट के लिए वर्चुअल पेमेंट एड्रेस का इस्तेमाल किया जाएगा। मतलब किसी भी कंपनी के पास खुद का पेमेंट यूपीआई पेमेंट आईडी होगी, जिस पर पेमेंट स्वीकर कर पाएगा। इससे गूगल और और फोन पे का दबदबा खत्म हो जाएगा।