कुछ ही समय पहले भारत में लैपटॉप के आयात पर बैन लगा दिया गया था। अब सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि लैपटॉप पर आयात प्रतिबंध के बाद, 32 से ज्यादा इंटरनेशनल कंपनियों ने भारत में लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर बनाने के लिए भारत के इन्सेंटिव प्रोग्राम के लिए आवेदन किया है।भारत सरकार ने HSN कोड 8741 के तहत प्रोड्क्ट्स के आयात को बैन कर दिया गया था। इसमें मुख्य रूप से लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी और अल्ट्रा-स्मॉल कंप्यूटर शामिल हैं। इसकी घोषणा विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा की गई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, डेल, लेनोवो और अन्य लैपटॉप कंपनियों ने भारत के 2 बिलियन डॉलर के इन्सेंटिव प्रोग्राम में पार्टिसिपेट करने के लिए आवेदन जमा किए हैं। इस प्रोग्राम के तहत भारत में प्रोडक्शन को बढ़ाना है।बता दें कि अगस्त की शुरुआत में सरकार ने कहा था कि भारत ने लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर आयात करते समय लाइसेंस की जरूरत होगी। यह कदम भारत में प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए उठाया गया था। अब ऐसा हो भी रहा है। जिन कंपनियों ने भारत में मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर इच्छा व्यक्ति की है उनमें हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज, डेल टेक्नोलॉजीज, आसुस, एसर और लेनोवो शामिल हैं।सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, आईटी हार्डवेयर के लिए PLI पहल से बड़ी मात्रा में निवेश आ सकता है जो लगभग 24.3 अरब रुपये होगा। वहीं, करीब-करीब 75,000 नौकरियों का भी अवसर खुल सकता है। बता दें कि सरकार ने अचानक ही लैपटॉप के आयात पर बैन कर दिया है और बिना लाइसेंस के इसके आयात पर रोक लगा दी। इससे बढ़ती चिंता को देखते हुए सरकार ने यह फैसला किया था कि करीब तीन महीने तक इम्पोर्टर्र्स बिना लाइसेंसर के अपने शिपमेंट को पूरा कर सकते हैं। हालांकि, 1 नवंबर से आयात के लिए परमीशन की जरूरत होगी।