हाइलाइट्सDuckDuckGo ऐप का नया फीचरडाटा ट्रैक करने वाली ऐप्स को कर देगी ब्लॉकनया फीचर है बेहद दमदारनई दिल्ली। प्राइवेसी फोकस्ड ब्राउजर मेकर डकडकगो (DuckDuckGo) नया टूल लेकर आई है। इस टूल का काम ऐप्स को एंड्रॉइड यूजर्स को ट्रैक करने से रोकना है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, DuckDuckGo के टूल को सभी एंड्रॉइड स्मार्टफोन के अपडेट के तौर पर रोल आउट नहीं किया गया है और न ही यह एक अलग डाउनलोड के तौर पर उपलब्ध है।Oppo Reno 7 Series: लॉन्च से पहले डिटेल्स लीक, 32MP फ्रंट कैमरा समेत ये हो सकती हैं खासियतेंइसे DuckDuckGo के प्राइवेसी फोकस्ड ब्राउजर ऐप में बनाया गया है। यह यूजर्स के डिवाइस पर काम करता है। कंपनी ने अपने ब्लॉग पर एक पोस्ट में कहा कि यह टूल थर्ड-पार्टी कंपनियों की अन्य ऐप्स में ट्रैकर्स को पहचान कर ब्लॉक कर देगा। ऐप में जब ट्रैकिंग प्रोटेक्शन एनेबल हो जाएगा तो उसके बाद यह यूजर्स के स्मार्टफोन का उपयोग करते हुए बैकग्राउंड में चलेगा। टूल यह देखता है कि कोई ऐप किसी थर्ड पार्टी ट्रैकर को डाटा कब भेजती है और फिर यह ऐप को यूजर्स की जानकारी एकत्रित करने से रोकेगा।DuckDuckGo ने कहा कि यह टूल नए ट्रैकर्स को पहचानने और उनसे प्रोटेक्शन के लिए लगातार काम कर रहा है। इसका मतलब है कि आपके डाटा को किसी भी नए ट्रैकर्स से दूर रखा जाएगा। डकडकगो ऐप से यूजर्स ट्रैकर्स का रियल टाइम व्यू देख पाएंगे, जिसे टूल ने ब्लॉक कर दिया है। इसके साथ ही यह भी देख पाएंगे कि यूजर्स का डाटा कहां जा रहा होगा। कंपनी के मुताबिक इसका ऐप ट्रैकिंग प्रोटेक्शन टूल वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क VPN नहीं है। मगर आपकी डिवाइस इस प्रकार काम करेगी जैसे यह इसी प्रकार का एक सिस्टम है।लाइन में लगने का झंझट खत्म, बिना कहीं जाए घर बैठे जमा करें बिजली बिल, बस करना होगा छोटा-सा कामDuckDuckGo ने एक पोस्ट में बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐप ट्रैकिंग प्रोटेक्शन एक स्थानीय VPN कनेक्शन’ का इस्तेमाल करता है, जिसका मतलब है कि यह आपके स्मार्टफोन पर इस प्रकार काम करता है। मगर ऐप ट्रैकिंग प्रोटेक्शन VPN से अलग है। यह कभी भी एक्सटरनल सर्वर के जरिए ऐप डाटा को रूट नहीं करता है। अपना खुद का टेस्ट करते हुए DuckDuckGo को पता चला कि कुछ सबसे लोकप्रिय फ्री एंड्रॉइड ऐप में से 96 फीसद से ज्यादा में थर्ड पार्टी के ट्रैकर हैं, जिनके बारे में अधिकतर यूजर्स को पता ही नहीं है। इसके अलावा कंपनी को यह भी पता चला है कि इनमें से 87 फीसद ऐप गूगल को यूजर्स का डाटा भेजती है। वही 68 फीसद डाटा Facebook को भेजते हैं।