नई दिल्ली। गूगल के लिए भारत एक बड़ा मार्केट है। भारत में करीब 97 फीसद स्मार्टफोन गूगल के एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर बेस्ड हैं। गूगल की तरफ से भारतीयों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। गूगल के एक फैसले से एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर्स की चांदी हो गई है। दरअसल अभी तक एंड्रॉइड स्मार्टफोन खरीदने पर उसमें ढ़ेर सारे गूगल ऐप्स पहले से दिए जाते थे। जिन्हें आप चाहकर भी फोन से नहीं हटा सकते थे। लेकिन अब गूगल ने भारतीय स्मार्टफोन मैन्युफैक्चर्स को मर्जी के ऐप्स इंस्टॉल करने की छूट दे दी है। हटा सकेंगे गूगल के ऐप्स मतलब यूजर्स अपनी मर्जी के ऐप्स को फोन में इंस्टॉल कर सकेंगे। साथ ही किस सर्च इंजन का इस्तेमाल करना है? उसे लेकर भी निर्णय लिया जा सकेगा। अभी तक गूगल की शर्त होती थी कि अगर स्मार्टफोन कंपनियां एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करती है, तो उन्हें गूगल के ऐप्स जैसे Google Chrome, Gmail, Goodgle Drive, Google Map, Google Meet का इस्तेमाल करना होता था। क्यों गूगल ने लिया यू-टर्नहाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी CCI की तरफ से गूगल के खिलाफ फैसला दिया। जिसमें गूगल पर भारत में मनमाने ढ़ंग से कारोबार करने का आरोप लगाया गया। इसके जबाव में भारत की तरफ से गूगल पर 1300 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस फैसले के खिलाफ गूगल ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गूगल को कोई छूट नहीं दी गई थी। CCI के फैसले के बाद गूगल ने यू-टर्न लेते हुए अपनी पुराने नियम और शर्तों में बदलाव किया है। कोर्ट ने गूगल पर गलत तरीके से भारत में कारोबार करने का आरोप लगाया था।