भारत सरकार की तरफ से लैपटॉप आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में 1 नवंबर के बाद लैपटॉप को भारत आयात करने में मुश्किल होगी। क्योंकि इसके लिए सरकार ने लाइसेंसिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार भारत में लैपटॉप और कंप्यूटर की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात को प्रतिबंधित किया है।उठ सकता है लैपटॉप बैन का मुद्दाहालांकि लैपटॉप बैन को तत्काल प्रभाव से नहीं लागू किया गया है। इसके लिए कंपनियों को करीब 3 माह का वक्त दिया है। लेकिन लेटेस्ट रिपोर्ट की मानें, तो लैपटॉप बैन के फैसले पर भारत पीछे हट सकता है। दरअसल भारत जी20 समिट को होस्ट कर रहा है। यह समिट दिल्ली में हो रही है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे में बाइडेन की तरफ से पीएम मोदी के सामने लैपटॉप बैन के मुद्दे को उठाया जा सकता है।Lenovo Yoga 9i Review: लैपटॉप और टैब का मजा एक साथ, क्या खरीदना चाहेंगे?, देखें वीडियोअमेरिकी कंपनियों को नुकसानबता दें कि लैपटॉप बैन का सबसे ज्यादा असर अमेरिटी कंपनियों पर पड़ रहा है। दरअसल डेल और ऐपल जैसी कंपनियों के लैपटॉप और कंप्यूटर की भारी डिमांड है। लेकिन ऐपल जैसी कंपनियां भारत में अपने लैपटॉप नहीं बनाना चाहती हैं। यही वजह है कि ऐपल ने भारत की ओर से लोकल लैपटॉप मैन्युफैक्चिरिंग की स्कीम यानी पीएलआई में हिस्सा नहीं लिया है।3 अगस्त को लिया था लैपटॉप आयात बैन का फैसलाडायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड की तरफ से 3 अगस्त को लैपटॉप आयात बैन का फैसला लिया गया था। सरकार का कहना था कि उसने सुरक्षा कारणों से लैपटॉप आयात को बैन किया है। बता दें कि पिछले माह यूएस ट्रेड प्रतिनिधि Katherine Tai ने कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल के सामने लैपटॉप बैन के मुद्दे को उठाया था।