नई दिल्लीभारतीय टीम इतिहास रचने के करीब थी। इससे पहले खेले गए दो विश्व कप में टीम ने सिर्फ एक मैच जीता था। और जब 1983 का विश्व कप शुरू हुआ तो किसी को कोई खास उम्मीद नहीं थी। खुद खिलाड़ियों को भी नहीं। उन्हें उम्मीद थी कि टूर्नमेंट से जल्द बाहर हो जाएंगे और फिर कहीं घूमने जाएंगे। लेकिन मैच-दर-मैच हालात बदलते गए। जिम्बाब्वे के खिलाफ कपिल देव की 175 रन की पारी ने टूर्नमेंट में नया मोड़ आया। और 22 जून 1983 को भारतीय टीम सेमीफाइनल खेल रही थी। सामने थी इंग्लैंड की टीम। इंग्लैंड जो बीत वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी। भारत ने इस मैच को जीतकर पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई थी। आइए जानते हैं क्या रहा था उस मैच में खास। इंग्लैंड के कप्तान बॉब विलिस से टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। ओल्ट ट्रैफर्ड की उस विकेट पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। उस खराब विकेट पर इंग्लैंड ने 60 ओवर में सिर्फ 213 रन बनाए। ग्रीम फावलर ने सबसे ज्यादा 33 रन बनाए। क्रिस ट्रेवरे ने 32 रन बनाए। भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लिश बल्लेबाजों पर लगाम लगाए रखी और स्कोर को ज्यादा बढ़ने नहीं दिया। तेज गेंदबाजों का कमालभारत की ओर से कप्तान कपिल देव ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए। उन्होंने 11 ओवरों में 35 रन दिए। रोजन बिनी ने 12 ओवर में 43 रन देकर दो और मोहिंदर अमरनाथ ने 12 ओवर में 27 रन देकर दो विकेट लिए। एक कामयाबी कीर्ति आजाद ने हासिल की जिन्होंने 12 ओवर में 28 रन दिए। भारत की धीमी शुरुआतलक्ष्य बड़ा नहीं था लेकिन भारतीय बल्लेबाजी भी बहुत तेज नहीं हो रही थी। सुनील गावसकर और श्रीकांत की जोड़ी को रन बनाने में काफी मेहनत करनी पड़ रही थी। गावसकर 41 गेंद पर 25 रन बनाकर पॉल एलॉट ने शिकार बनाया। इसके बाद 44 गेंद पर श्रीकांत 19 रन बनाकर पविलियन लौटे। मोहिंदर अमरनाथ ने यसफला शर्मा के साथ मिलकर भारतीय पारी को संभाला। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 92 रन जोड़े। अमरनाथ 92 गेंद पर 46 रन बनाकर आउट हुए। फिर आए आजाद और खेली ताबड़तोड़ पारीटीम एक समय रनगति से तालमेल बैठाने के लिए संघर्ष कर रही थी। लेकिन तभी कीर्ति आजाद ने उतरकर ताबड़तोड़ पारी खेली। उन्होंने सिर्फ 32 गेंद पर नाबाद 51 रन बनाकर भारत को 5.2 ओवर बाकी रहते जीत दिला दी। आजाद की इस पारी की विजडन क्रिकेट मंथली ने भी खूब तारीफ की। शर्मा ने 115 गेंद पर 61 रन बनाए। कपिल देव 1 रन बनाकर नाबाद रहे। मोहिंदर अमरनाथ को मैन ऑफ द मैच चुना गया था।