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Hardik Pandya: हार्दिक पंड्या की 2022 के शुरुआत में टीम इंडिया में जगह पक्की नहीं थे। टी20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद चोट की वजह से वह कई महीनों तक मैदान से दूर थे। फिर आता है आईपीएल और हार्दिक मैदान पर वापसी करते हुए दमदार प्रदर्शन करते हैं। पहली बार कप्तानी करते हुए अपनी टीम को चैंपियन बना दिया। आईपीएल की सफलता ने हार्दिक की भारतीय टीम में वापसी करवा दी। कुछ समय बाद उन्हें कप्तानी भी दिला दी। आधिकारिक रूप से अभी वह भारतीय टी20 टीम के कप्तान तो नहीं हैं। लेकिन वर्ल्ड कप के बाद से रोहित नहीं खेल रहे हैं और हार्दिक के हाथों में ही टीम की कमान है। उनकी खराब कप्तानी ने भारत को वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज ही हरा दिया।एक के बाद एक अटपटे फैसलेहार्दिक पंड्या ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में ऐसे-ऐसे फैसले लिए, जो किसी की समझ में नहीं आया। क्रिकेट के जानकारों ने अपना सिर पीट लिया। सबसे बड़ा ब्लंडर उन्होंने दूसरे टी20 में किया। 16वें ओवर में युजवेंद्र चहल ने दो विकेट लिए। पिच में टर्न थी। चहल का एक ओवर बाकी था और वेस्टइंडीज के 8 विकेट गिर चुके थे। सभी को लगा कि 18वां ओवर चहल करेंगे और शायद मैच भी खत्म कर दें। हार्दिक ने तेज गेंदबाजों को गेंद थमाई और अंत में भारत को हार मिली। आखिरी मैच में उन्होंने प्रमुख गेंदबाज मुकेश कुमार और अक्षर पटेल को एक-एक ओवर दिया, जबकि पार्ट टाइमर तिलक और यशस्वी ने कुल 3 ओवर डाले। वहीं लगातार रन देने के बाद भी चहल का स्पेल पूरा करवाया।मुकेश-अक्षर का नहीं हुआ सही इस्तेमालमुकेश कुमार स्विंग गेंदबाज हैं। तीसरे वनडे में दिखा भी कि कैसे उन्होंने वेस्टइंडीज के टॉप ऑर्डर को फंसाया। लेकिन टी20 सीरीज के पहले मैच के बाद उन्हें नई गेंद मिली ही नहीं। आखिरी तीन मुकाबलों में तो वह 5वें या छठे नंबर पर बॉलिंग करने आए। अक्षर पटेल ने तो पूरी सीरीज में ही 11 ओवर डाले। टीम के प्रमुख ऑलराउंडर होने के बाद भी कप्तान उनका इस्तेमाल नहीं कर पाए। बाएं हाथ के बल्लेबाजों के सामने तो उन्होंने अक्षर को गेंद ही नहीं दी। दूसरे टी20 में अक्षर को एक ओवर नहीं मिला।युवा खिलाड़ी का हक माराहार्दिक पंड्या ने कप्तानी में ही गलत फैसले नहीं लिए। उन्होंने 20 साल के एक युवा खिलाड़ी का हक भी मार लिया। मामला तीसरे टी20 का है। तिलक 49 रन बनाकर खेल रहे थे। फिफ्टी से एक रन दूर थे। भारत को जीत के लिए 14 गेंद पर 2 रनों की जरूरत थी। हार्दिक ने वहां छक्का मार दिया। उस समय तिलक वर्मा का चेहरा देखने लायक था। इसी सीरीज से उन्होंने इंटरनेशनल डेब्यू किया था। हार्दिक पंड्या के सपोर्ट में हर्षा भोगले ने लिखा कि अर्धशतक कोई माइलस्टोन नहीं होता। लेकिन बात ये भी है कि विनिंग शॉट युवा खिलाड़ी का आत्मविश्वास 7वें आसमान पर पहुंचा देता। हार्दिक ने साफ-साफ तिलक को नीचा दिखाने की कोशिश की।खुद ही पहला ओवर डालना5 मैचों की सीरीज में तीन बार हार्दिक पंड्या खुद पहला ओवर लेकर आए। वह अच्छे गेंदबाज हैं लेकिन स्विंग बॉलर नहीं हैं। टीमें सरप्राइज के रूप में कभी-कभी प्रमुख तेज गेंदबाज की जगह ऑलराउंडर या स्पिनर से बॉलिंग की शुरुआत करवाती है। लेकिन हार्दिक ने इसे नियम ही बना लिया था। बल्लेबाजी में भी उनके पास काफी कुछ करने का मौका था। पहले दोनों मैच और फिर 5वें मैच में उनके पास पूरा मौका था। लंबी पारी खेल सकते थे लेकिन हर बार निराश किया। 5वें मैच में तो 14 रन बनाने के लिए 18 गेंदों का सामना किया। वह स्ट्राइक तक रोटेट नहीं कर पा रहे थे।हारने के बाद अजीबोगरीब बातेंटीम इंडिया की हार के बाद हार्दिक पंड्या की बातें भी उनकी कप्तानी की तरह ही होती हैं, किसी को कुछ समझ नहीं आता। हर हार के बाद उनका अजीबोगरीब बयान आता है। तीसरे मैच के बाद उन्होंने कहा था- अगर निकोलस पूरन मुझे छक्के मारना चाहता है तो उसे मुझे मारने दो। मैं ऐसी कॉम्पिटिशन का आनंद लेता हूं।’ 5वें मैच में पूरन ने आते ही हार्दिक के खिलाफ बैक टू बैक छक्के मारे। इसके बाद हार्दिक ने खुद को बॉलिंग से हटा दिया।सीरीज हारने के बाद हार्दिक ने एक और बात बोली कि उनके पास कभी कोई खास प्लान नहीं होता। वह परिस्थिति के हिसाब से फैसले लेते हैं। क्रिकेट में कोई भी कप्तान हो, वह प्लान के साथ ही मैदान पर आता है। उनके हर फैसले के पीछे एक सोच होती है। गट फीलिंग कभी कभी काम करती है। ज्यादातर मौकों पर आपके पास प्लान ए के साथ ही बी भी होना चाहिए। इस सीरीज में उनकी कप्तानी में प्लानिंग की कमी साफ दिखी। ऐसा ही रहा तो परमानेंट कप्तान बनने के सपने देख रहे हार्दिक उपकप्तान भी नहीं रह पाएंगे।WI vs IND: 4,6,4,4… तिलक वर्मा ने 6 फुट 5 इंच के खूंखार गेंदबाज को जमकर पीटा, एक ओवर में ठोके 19 रन WI vs IND: हारना कई बार अच्छा होता है… वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज गंवाने के बाद कैसी बातें कर रहे हार्दिक पंड्या IND vs WI: एक झटके में यशस्वी और शुभमन के बल्ले की आग को बुझा दिया, अकील होसेन की फिरकी आगे ढेर हुए भारतीय ओपनर