साउथम्पटनजसप्रीत बुमराह ने साल 2016 में भारतीय टीम के लिए टेस्ट डेब्यू किया। इससे पहले वह आईपीएल में शानदार प्रदर्शन कर चुके थे। इसी की बदौलत वह क्रिकेट के सबसे अहम फॉर्मेट में जगह बना पाए। वक्त के साथ-साथ वह तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम के लिए मैच-विनर साबित हुए हैं। बुमराह का खेल समय के साथ-साथ बेहतर होता गया। फिलहाल वह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का अहम हिस्सा है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के दौरान आईसीसी के साथ एक खास बातचीत में जसप्रीत बुमराह ने बताया कि करियर के इन बरसों में उनके खेल में क्या बदलाव आया है। बुमराह ने आईसीसी से कहा, ‘तो कुल मिलकार मैं अपने गुस्से को केंद्रित करने की कोशिश करता हूं। जब मैं यंगस्टर था तो मैं काफी गुस्सा होता था। मुझे बात-बात पर गुस्सा आता था। मैं कई ऐसे काम करता था जिनसे मेरे खेल को कोई फायदा नहीं होता था। तो इतने साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद मुझे अहसास हुआ है कि मेरे लिए क्या काम करता है। तो मैं हंस देता हूं लेकिन मेरे भीतर हमेशा आग जलती रहती है। मैं हमेशा इसे दिखाने की कोशिश नहीं करता लेकिन यही तरीका है जिससे मुझे कामयाबी मिलती है और मैं अपने गुस्से को काबू कर पाता हूं। इससे मुझे अपने खेल को सुधारने में मदद मिलती है।’जसप्रीत बुमराह के मुरीद इस विंडीज दिग्गज ने कहा-टेस्ट में 400 विकेट हासिल कर सकता है ये भारतीय पेसरवहीं दूसरी ओर टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच भरत अरुण बुमराह के गेंदबाजी ऐक्शन को काफी बड़ा हथियार मानते हैं। अरुण का कहना है कि उनका गेंदबाजी ऐक्शन बल्लेबाजों को छकाने में मदद करता है।बुमराह को संवारने और निखारने में भरत अरुण की अहम भूमिका है। उन्होंने बुमराह के वर्कलोड पर भी काम किया है। अरुण का कहना है कि बुमराह का गेंदबाजी ऐक्शन उन्हें एक स्पेशल टैलंट बनाता है।