नई दिल्लीसचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) और वीरेंदर सहवाग की सलामी जोड़ी ने भारत के लिए कई मुकाबले जीते। सहवाग शुरुआत में तो सचिन का क्लोन लगते थे। लेकिन वक्त के साथ साथ उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। साल 2002 से लेकर 2012 के बीच सचिन और सहवाग की सलामी जोड़ी ने 3919 रन जोड़े। इन दोनों ने 12 बार सेंचुरी और 18 बार हाफ सेंचुरी पार्टनरशिप की। हालांकि वीरेंदर सहवाग ने एक इंटरव्यू में सहवाग ने बताया था कि एक वक्त टीम में उन्हें सचिन के साथ ओपनिंग करवाए जाने को लेकर कप्तान और कोच राजी नहीं थे। सहवाग ने अपने मजाकिया अंदाज में गांगुली और राइट को ‘सास बहू की जोड़ी’ कहा था। सचिन तेंडुलकर और वीरेंदर सहवाग ने एक यूट्यूब चैनल ‘What The Duck’ में विक्रम साठे में यह कहा था। उन्होंने कहा, ‘पहली बार चेन्नई और कानपुर में इंग्लैंड के खिलाफ मुझे सचिन पाजी के साथ ओपनिंग का मौका मिला था। कानपुर में तो हमने 12 13 ओवर में बोर्ड पर 100 रन टांग दिए थे। आपने पूछा हमारी जुदाई क्यों हुई तो उसके पीछे हमारी टीम की सास बहू की जोड़ी थी। वही जॉन राइट और सौरभ गांगुली। उन्होंने साजिश करके हमें जुदा किया। हालांकि हमने बाद में फिर साथ ओपनिंग की।’इसी इंटरव्यू में सचिन ने कहा था, ‘हमारा न्यूजीलैंड टूर अच्छा नहीं रहा था। वहां तीन वनडे मैचों में मैंने 0,0,1 रन बनाए थे। वहां से हम साउथ अफ्रीका वर्ल्ड कप खेलने गए। मैंने वहां दो प्रैक्टिस मैचों में चार नंबर पर बैटिंग की। हमारा परफॉर्मेंस उसमें भी अच्छा नहीं था। तब जॉन दबाव में आ गए। उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम किस नंबर पर बैटिंग करना चाहते हो।’सचिन ने आगे बताया, ‘मैंने कहा कि जहां टीम चाहेगी मैं वहां बैटिंग करूंगा। लेकिन जॉन ने कहा, ‘नहीं तुम बताओ, किस नंबर पर बैंटिंग करना चाहते हो।’ ‘तब मैंने कहा कि अगर आप मेरी राय पूछ रहे हैं तो मुझे लगता है ओपनिंग मेरे लिए सही रहेगी।”इसी किस्से को आगे बढ़ाते हुए सहवाग ने कहा कि पहले दो मैच में सचिन और सौरभ ने पारी की शुरुआत की। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हम 125 के करीब आउट हो गए थे। अगला मैच जिम्बाब्वे से था। इस मैच से पहले जॉन राइट ने टीम के सभी सदस्यों को साथ बुलाकर चिट डालने के लिए कहा था कि हमारी ओपनिंग पार्टनरशिप क्या होनी चाहिए। सहवाग ने बताया, ’15 में से 14 सदस्यों ने सचिन सहवाग का नाम लिखा था। एक पर सचिन सौरभ था। वह एक आप ही थे दादा मुझे पता है।’देखें पूरा एपिसोड