कोलंबो: करीब दो साल पहले कुलदीप यादव का अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म होता दिख रहा था और आईपीएल में भी पूरे सत्र में कोलकाता नाइटराइडर्स ने उन्हें मौका नहीं दिया। लेकिन पिछले साल कुलदीप ने वापसी की और विश्व कप के लिए चुनी गई 15 सदस्यीय भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे, उन्हें लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल और अनुभवी ऑफ स्पिनर आर. अश्विन पर तरजीह दी गई। आखिर कुलदीप ने 13 वनडे में 23 विकेट लेकर अपना दावा इस कदर पुख्ता जो किया था। यह पासा आखिर पलटा कैसे। कुलदीप के बचपन के कोच कपिल पांडे इसका श्रेय उनकी प्रतिबद्धता को देते हैं।कपिल पांडे कहते हैं, ‘उसका दिल टूट गया था। भारत के लिए खेलना तो छोड़ो, उसे केकेआर में भी मौका नहीं मिल रहा था। एक गेंदबाज के लिए अपने हुनर पर लगातार काम करते रहना जरूरी है, लेकिन उसने हार नहीं मानी और नेट पर मेरे साथ लंबे समय अभ्यास करता रहा। हमने कई चीजों पर काम किया।’भारतीय वर्ल्ड कप टीम की दो सबसे बड़ी कमजोरी, पूरे स्क्वॉड का एनालिसिसकिसी भी क्रिकेटर को ऐसे मार्गदर्शक की जरूरत होती है, जिसे इस स्थिति का अनुभव हो और कुलदीप के लिए वह शख्स थे सुनील जोशी। भारत के बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में कुलदीप को महत्वपूर्ण गुर सिखाए।जोशी ने कहा, ‘मैं उस समय चयन समिति में था जब कुलदीप खराब दौर से गुजर रहा था। इतने प्रतिभाशाली गेंदबाज को इस तरह देखना दुखद था। हमने एनसीए में मुलाकात की और आगे की रणनीति बनाई। हम तकनीकी पहलुओं पर ही काम कर रहे थे ताकि वह थोड़ी तेज गेंद डाल सके, उसके एक्शन में सुधार की जरूरत थी, उसका फोकस भी भटक गया था, लेकिन अब आपको बदलाव नजर आ रहा होगा।’ आईपीएल में भी केकेआर से दिल्ली कैपिटल्स में आने का कुलदीप को फायदा मिला।VIDEO: साउथ अफ्रीका कर चुका अफगान वाली गलती, कैलकुलेशन की गड़बड़ी ने वर्ल्ड कप से कर दिया था बाहर Azam Khan: दुनिया के सबसे अनफिट विकेटकीपर ने लपका ऐसा कैच, लोगों को याद आने लगे धोनी Pakistan vs Bangladesh Asia Cup 2023: पाकिस्तान-बांग्लादेश में भिड़ंत, यहां जानें हेड टु हेड रिकॉर्ड, प्लेइंग-11 और वेदर अपडेट