साउथम्पटन, 19 जून (भाषा) कप्तान विराट कोहली ने धैर्य और कौशल का अच्छा नमूना पेश करके एक छोर संभाले रखा लेकिन भारत और न्यूजीलैंड के बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल का दूसरा दिन खराब रोशनी से प्रभावित रहा जिसमें 64.4 ओवर ही हो पाये।पहला दिन बारिश की भेंट चढ़ने के बाद भारत ने खराब रोशनी के कारण जल्दी समाप्त किये गये दूसरे दिन के खेल में तीन विकेट पर 146 रन बनाये हैं। अंपायरों ने रोशनी की स्थिति का आकलन करने के बाद भारतीय समयानुसार रात दस बजकर 40 मिनट (स्थानीय समयानुसार शाम छह बजकर 10 मिनट) पर दिन का खेल समाप्त करने की घोषणा की। कोहली पहले सत्र में ही क्रीज पर उतर गये थे क्योंकि टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित भारतीय टीम ने रोहित शर्मा (68 गेंदों पर 34 रन) और शुभमन गिल (64 गेंदों पर 28 रन) के विकेट लंच से पहले ही गंवा दिये थे। इन दोनों ने हालांकि पहले विकेट के लिये 62 रन की साझेदारी की थी लेकिन वे एक रन के अंदर पवेलियन लौट गये थे। ख्रराब रोशनी के कारण जब दिन का खेल रोका गया तब कोहली 124 गेंदों पर 44 रन बनाकर खेल रहे थे और उन्होंने उप कप्तान अंजिक्य रहाणे (79 गेदों पर नाबाद 29 रन) के साथ 58 रन की अटूट साझेदारी की है। रहाणे ने दूसरे सत्र में चेतेश्वर पुजारा (54 गेंदों पर आठ रन) के ट्रेंट बोल्ट (32 रन देकर एक) की इनस्विंगर पर पगबाधा आउट होने के बाद क्रीज पर कदम रखा था। बारिश के कारण पहले दिन का खेल नहीं हो पाया था। दूसरे दिन पहले सत्र में मौसम ने कोई खलल नहीं डाला लेकिन खराब रोशनी के कारण चाय का विश्राम जल्दी लेना पड़ा और तीसरे सत्र में तो खराब रोशनी ही चर्चा का विषय रही। बीच में एक मौके पर दोनों कप्तान अंपायरों के फैसले से नाखुश भी दिखे।भारत ने पहले सत्र में दो विकेट 69 रन बनाये थे लेकिन दूसरे सत्र में वह 27.3 ओवर में 51 रन ही जोड़ पाया और इसका सबसे बड़ा कारण था कीवी गेंदबाजों की बेहद अनुशासित गेंदबाजी। कोहली तक ने उन्हें पूरा सम्मान दिया और यहां तक उन्होंने कोलिन डि ग्रैंडहोम के लगातार तीन ओवर मेडन खेले। दूसरी तरफ पुजारा ने 36 गेंदों पर अपना खाता खोला लेकिन नील वैगनर (28 रन देकर एक) पर कट शॉट से लगाया गया उनका चौका दर्शनीय था। वैगनर का बाउंसर पुजारा के हेलमेट पर भी लगा और इसके तुरंत बाद बायें हाथ के तेज गेंदबाज बोल्ट ने उन्हें पगबाधा आउट कर दिया। कोहली ने अपनी प्रतिबद्धता और दृढ़ता का अच्छा परिचय दिया और शॉट खेलने के लिये ढीली गेंदों का इंतजार किया। रहाणे ने भी अपने कप्तान का अनुसरण किया लेकिन उन्होंने कुछ आकर्षक शॉट भी लगाये। रहाणे अब तक चार चौके लगा चुके हैं जबकि कोहली ने केवल एक बार गेंद बाउंड्री तक पहुंचायी। इससे पहले इंग्लैंड में पहली पारी टेस्ट मैचों में पारी का आगाज करने वाले रोहित और गिल स्पष्ट रणनीति के साथ क्रीज पर उतरे थे और उन्होंने बोल्ट और टिम साउदी के सामने इसे अच्छी तरह से लागू भी किया। रोहित ने बोल्ट की इनस्विंगर से निबटने के लिये खुले स्टान्स के साथ खेल रहे थे जबकि गिल ने साउदी की आउटस्विंगर से पार पाने के लिये अपनी क्रीज से थोड़ा बाहर खड़े थे। गिल ने बोल्ट की गेंद पुल करके भारत की तरफ से पहला चौका लगाया। जिसके बाद रोहित ने साउदी पर दो चौके जमाये। गिल ने काइल जैमीसन (14 रन देकर एक) का स्वागत उनकी इन स्विंगर को चार रन के लिये भेजकर किया। पहले 11 ओवर में एक भी मेडन नहीं था लेकिन अगले तीन ओवरों में कोई रन नहीं बना। जैमीसन की शार्ट पिच गेंद गिल के हेलमेट की ग्रिल पर भी लगी। इसी तेज गेंदबाज ने आखिर में रोहित को आउट करके न्यूजीलैंड को पहली सफलता दिलायी। साउदी ने तीसरी स्लिप में उनका शानदार कैच लिया। रोहित शॉट खेलने को लेकर असमंजस की स्थिति में आ गये थे जिसका फायदा गेंदबाज और कीवी टीम को मिला। वैगनर ने अपने पहले ओवर में कोण लेती गेंद पर गिल को विकेटकीपर बी जे वाटलिंग के हाथों कैच कराया। पहला दिन बारिश की भेंट चढ़ने के बाद हैंपशर बाउल में सर्द मौसम और बादलों से भरे आसमान को देखते हुए न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखायी। भारत ने दो दिन पहले जो टीम चुनी थी उसमें कोई बदलाव नहीं किया जबकि न्यूजीलैंड चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरा। उसके पास पांचवां तेज गेंदबाज आलराउंडर डि ग्रैंडहोम हैं। मतलब न्यूजीलैंड ने किसी स्पिनर को अंतिम एकादश में नहीं रखा।