मोहाली, छह मार्च (भाषा) रोहित शर्मा मानते हैं कि उनके लिये मैच जीतने से बड़ी चुनौती ‘बेंच स्ट्रेंथ’ तैयार करना है और उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है ताकि जब वह भविष्य में भारतीय क्रिकेट को छोड़कर जायें तो यह ‘सुरक्षित हाथों’ में हो। रोहित ने टेस्ट कप्तान के तौर पर अपनी यात्रा श्रीलंका पर पहले टेस्ट में पारी और 222 रन की शानदार जीत से शुरू की। रोहित ने टेस्ट मैच खत्म होने के बाद कहा, ‘‘अगर आपको ‘बेंच स्ट्रेंथ’ बनानी है तो आपको अभी से सोचना शुरू करना होगा, तभी भारतीय क्रिकेट सुरक्षित हाथों में होगा। यह मेरी चुनौतियों में से एक है और मेरी जिम्मेदारियों में से एक है। मैंने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है कि यह बेंच स्ट्रेंथ तैयार करूं और काफी सारी चीजों को ध्यान में रखूं। ’’टीम अब चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे से आगे बढ़ रही है इसलिये युवा खिलाड़ियों को खुद पर भरोसा दिलाना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिये मैच जीतने से कहीं ज्यादा बड़ी चुनौती होगी। मेरे लिये महत्वपूर्ण है कि मैं इन खिलाड़ियों को किस तरह से खिलाता हूं जो बाहर बैठे हैं और मैं उन्हें आत्मविश्वास कैसे दिला सकता हूं। ’’रोहित ने कहा, ‘‘जब उन्हें मौका मिले तो उन्हें बहुत स्पष्ट होना चाहिए कि उन्हें क्या करना और हासिल करना है। इससे हमारे प्रदर्शन पर असर पड़ेगा, भले ही हम जीते या फिर हारें। ’’कप्तान ने यह भी कहा कि कोई भी खिलाड़ियों से आते ही मैच जीताने की उम्मीद नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘‘आप यह नहीं कह सकते कि आपको मैच जीताने होंगे। मैच जीतने के लिये आपको कई चीजें करने की जरूरत है। बेंच स्ट्रेंथ तैयार करने के लिये खिलाड़ियों को स्पष्टता देने की जरूरत है, उनके लिये अच्छा माहौल बनाने की जरूरत है ताकि खिलाड़ी खुशनुमा माहौल में रहकर मैदान में जायें और अपना काम करें। ’’रोहित ने कहा, ‘‘उन्हें ज्यादा दबाव महसूस नहीं करना चाहिए। निश्चित रूप से जब आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे होते हैं तो दबाव होता है। लेकिन बाहरी दबाव नहीं होना चाहिए, आंतरिक दबाव ठीक है। ’’