ब्रिस्टल, 17 जून (भाषा) सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने गुरूवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय महिला टीम को अच्छी शुरूआत करायी जिससे चाय तक उसने पहली पारी में बिना विकेट गंवाये 63 रन बना लिये। इंग्लैंड ने 396 रन पर पहली पारी घोषित की जो भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में किसी भी टीम द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है। भारतीय टीम अब भी 333 रन से पिछड़ रही है। स्मृति मंधाना 27 और पदार्पण कर रही शेफाली वर्मा 35 रन बनाकर खेल रही हैं। शेफाली हमेशा की तरह आक्रामक खेल रही थीं, जिन्होंने अपनी ही शैली में कट और पुल शॉट लगाये। इस 17 साल की खिलाड़ी ने सिर्फ डिफेंस ही अच्छा नहीं किया बल्कि आसानी से नैट स्किवर पर एक छक्का भी जमाया। टेस्ट क्रिकेट में यह भारतीय महिला टीम का दूसरा ही छक्का था। मंधाना सतर्क होकर खेल रही थी लेकिन फिर भी तेज थीं। उन्होंने स्किवर पर कवर क्षेत्र की ओर अपना पहला चौका जमाया। जब भी उन्हें मौका मिला, वह पुल शॉट खेलने में हिचकिचायी नहीं। उनकी ड्राइव्स देखना अच्छा था। केट क्रास पर एक शानदार शॉट पर उन्होंने टीम के स्कोर का अर्धशतक पूरा कराया। मंधाना जब 23 रन पर थीं, तब क्रास उन्हें आउट करने का मौका गंवा बैठीं। इससे पहले भारतीय गेंदबाजों को लगातार दूसरे दिन मशक्कत करनी पड़ी। इंग्लैंड ने छह विकेट पर 269 रन से आगे खेलना शुरू किया जिसके बाद पदार्पण कर रही सोफिया डंकले (नाबाद 74 रन) ने नाबाद अर्धशतक के अलावा पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ दो अहम साझेदारियां निभायीं। डंकले ने सोफी एक्लेस्टोन (17) के साथ आठवें विकेट के लिये 56 रन जोड़े और फिर आन्या श्रबसोल के साथ 70 रन की भागीदारी की। आन्या ने भी भारतीय गेंदबाजों को परेशान करते हुए अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 47 रन की पारी खेली। इंग्लैंड ने आन्या के आउट होते ही पारी घोषित कर दी जो स्नेहा राणा की गेंद पर बोल्ड हुईं जिससे यह इस भारतीय गेंदबाज ने चार विकेट झटककर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। लंच के बाद आन्या ने काफी आक्रामक खेल दिखाया, उन्होंने स्नेह पर दो चौके और एक छक्का लगाया। उन्होंने तेज गेंदबाज शिखा पांडे की गेंदों की भी धुनाई की। सुबह के सत्र में इंग्लैंड पहला विकेट कैथरीन ब्रंट के रूप में गंवाया जिन्हें अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने दिन की 12वीं गेंद पर पगबाधा आउट किया। इस विकेट से 38 साल और 204 दिन की गोस्वामी सचिन तेंदुलकर के बाद टेस्ट विकेट हासिल करने वाली सबसे उम्र दराज खिलाड़ी बन गयीं। वह लाला अमरनाथ (1952) के बाद टेस्ट विकेट हासिल करने वाली सबसे उम्रदराज भारतीय तेज गेंदबाज भी बन गयीं। हालांकि भारतीयों के लिये यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिकी क्योंकि डंकले और एक्लेस्टोन ने मिलकर मेहमान टीम के संयम की परीक्षा लेना शुरू कर दिया। डंकले ने जल्द ही अपना पहला टेस्ट अधर्शतक पूरा किया, इससे पहले अंपायर ने उनके आउट होने के फैसले को बदला। उन्हें स्नेह राणा की गेंद पर पगबाधा आउट दिया गया था, तब वह 46 रन पर थी लेकिन यह फैसला बदल दिया गया। उन्होंने स्नेह राणा की गेंद पर दो रन लेकर अर्धशतक पूरा किया। ऐसा लग रहा था कि सबकुछ मेजबानों के पक्ष में जा रहा था, तभी अंपायर ने एक्लेस्टोन को दीप्ति शर्मा की गेंद पर पगबाधा आउट किया। लेकिन इंग्लैंड की बल्लेबाज ने रिव्यू लिया जिसके बाद फैसला बदल दिया गया। पर एक गेंद के बाद एक्लेस्टोन (17) मिड ऑन पर खड़ी शिखा पांडे को कैच देकर आउट हुईं।