ब्रिजटाउन: संजू सैमसन भारतीय क्रिकेट के सबसे स्टाइलिश बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। जब वह खुलकर बैटिंग करते हैं तो ऐसा लगता है कि इससे अच्छा कोई खेल ही नहीं सकता। लेकिन संजू के साथ-साथ एक लाइन हमेशा चलती है- निरंतरता की कमी। संजू सैमसन को भारतीय टीम में गिने चुने मौके मिलते हैं क्योंकि एक विकेटकीपिंग स्लॉट के लिए 4-5 दावेदार हैं। जब खिलाड़ी को गिने चुने मौके मिलते हैं तो उसे उसमें ही छाप छोड़कर अपनी जगह टीम में पक्की करनी होती है। लेकिन संजू ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।विराट की जगह मिला मौकासंजू सैमसन को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज के दूसरे मैच के लिए भारतीय प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया। वह तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने भी उतरे। पिच मुश्किल थी और संजू के पास बड़ी पारी खेलकर खुद को साबित करने का सबसे सही मौका था। यहां बड़ी पारी चयनकर्ताओं के साथ ही टीम मैनेजमेंट का ध्यान उनकी तरफ खींचता। लेकिन संजू इस मौके का फायदा नहीं उठा पाए और 19 गेंद पर सिर्फ 9 रन बनाकर आउट हो गए।विकेट फेंकने का लगता है आरोपसंजू सैमसन पर बार-बार विकेट फेंकने का आरोप लगता है। यानी वह जबरदस्ती बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में कई बार आउट हुए हैं। इसी वजह से अभी तक टीम इंडिया में उनकी जगह पक्की नहीं हो पाई है। 2015 में उन्होंने भारत के लिए डेब्यू किया था। अभी तक सिर्फ 17 टी20 और 11 वनडे ही खेल पाए हैं। टी20 में भी उनके नाम सिर्फ एक ही फिफ्टी है, वो भी आयरलैंड के खिलाफ। टी20 में उन्हें 14 बार टॉप-4 में खेलने का मौका मिला है। आयरलैंड की पारी को हटा दें तो उनका सबसे बड़ा स्कोर 39 रन है।वर्ल्ड कप का टिकट मिलना मुश्किलसंजू सैमसन के लिए वर्ल्ड कप का टिकट मिलना पहले से मुश्किल था। अब लगातार दो मैचों में ईशान किशन की दो फिफ्टी ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है। खुद फेल होने के बाद संजू सैमसन किसी और को दोष भी नहीं दे पाएंगे। भारतीय क्रिकेट में एक-एक स्थान के लिए कई दावेदार है। एक मौका चूकने पर भी खिलाड़ी रेस में कहीं पीछे चला जाता है। यही संजू के साथ बार-बार होता है।WI vs IND: संजू सैमसन प्लेइंग इलेवन से बाहर, फिर पहले ओवर में कैसे करने लगे फील्डिंग? WI vs IND: सूर्यकुमार यादव ने पहले वनडे में क्यों पहनी थी संजू सैमसन की जर्सी? वजह जानकर पकड़ लेंगे सिर IND vs WI: दूसरे वनडे में रोहित शर्मा सुधारेंगे अपनी भूल, सीरीज जीतने के लिए मैदान पर उतरेगी टीम इंडिया