कानपुरन्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज टिम साउदी (Tim Southee) ने पिछले तीन वर्षों में देश से बाहर अपनी शानदार सफलता का श्रेय विदेशी परिस्थितियों में तेजी से ढलने और पुरानी गेंद से अपने कौशल में निखार को दिया। साउदी (Tim Southee) ने अपने 80वें टेस्ट में 13वीं बार पांच विकेट चटकाने का कारनामा किया, जिसमें भारत में दूसरी बार पांच विकेट झटकना भी शामिल है। इससे उन्होंने अपनी टीम को यहां शुरूआती टेस्ट के दूसरे दिन मेजबानों के खिलाफ मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।जहां भारतीय तेज गेंदबाजों को विकेट निकालने में जद्दोजहद करनी पड़ी तो वहीं साउदी ने क्रीज का शानदार इस्तेमाल किया और नयी व पुरानी गेंद से धीमी पिच पर स्विंग हासिल कर प्रतिद्वंद्वी टीम के बल्लेबाजों को परेशान किया।नई गेंद से उनके जोड़ीदार काइल जैमीसन (Kyle Jamieson) भी इसमें पीछे नहीं रहे।साउदी भारत में सभी प्रारूपों में काफी क्रिकट खेल चुके हैं और यह उनका तीसरा टेस्ट दौरा है। उन्होंने बल्लेबाजों को आगे आकर खेलने के लिए फुललेंथ गेंदबाजी भी की जो भारतीय नहीं कर सके। 32 साल के इस गेंदबाज ने कहा कि भारत में खेलने के अनुभव से वह ऐसी गेंदबाजी कर पाए।भारत में 2010 में अपना पहला टेस्ट खेलने वाले साउदी ने कहा, ‘मैं भाग्यशाली रहा हूं कि जब मैं युवा था तब से मुझे दुनिया के इस हिस्से में आकर खेलने का मौका मिला। मेरे करियर में जो शुरुआती गुर मुझे सिखाए गए थे, उससे काफी कुछ सीखा है।’साउदी का 2018 के बाद से विदेशी तेज गेंदबाज के तौर पर सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी औसत भी रहा है जिसमें उन्होंने पैट कमिंस, इशांत शर्मा (Ishant Sharma) और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को पीछे छोड़ दिया है। वह हालांकि सभी प्रारूपों में खेलते हैं, लेकिन टेस्ट मैच से उनके लगाव का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वह हमेशा अपने बैग में लाल गेंद रखते हैं, भले ही किसी भी प्रारूप में खेल रहे हों।पिछले तीन वर्षों में अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए साउदी ने कहा, ‘जैसा कि मैंने कहा, यह सिर्फ बेहतर करने की भूख है। हर बार जब भी आप अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हो तो आप सीखने के लिए विभिन्न तरीके ढूंढते हो और इसी दौरान बेहतर भी होते हो।’पुरानी गेंद के कौशल को बेहतर करने से भी उनकी सफलता में योगदान रहा है।उन्होंने कहा, ‘महत्वपूर्ण चीज नयी गेंद से स्विंग हासिल करना है लेकिन पुरानी गेंद से ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करना और विकेट लेने के लिए अलग अलग तरीके ढूंढना (पिछले तीन चार वर्षों में) और यहां उपमहाद्वीपीय परिस्थितियों में भी ऐसा ही करना फायदेमंद रहा है।’पुरानी गेंद से औसत में सुधार के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं इसके बारे में निश्चित नहीं हूं। लेकिन शायद यह पुरानी गेंद से अभ्यास करने और इसके साथ काफी ज्यादा मेहनत करने से हुआ है।’