R Ashwin: रविचंद्रन अश्विन टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे बड़े मैच विनर में से एक हैं। सिर्फ वर्तमान ही नहीं, बल्कि 90 साल के भारतीय क्रिकेट इतिहास में शायद ही कोई उनके जैसा मैच विनर रहा हो। इसके बाद भी एशिया से बाहर जाते ही अश्विन को प्लेइंग इलेवन से बाहर करने की मांग होने लगती है। वह जून में हुए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं थे। गेंदबाजी के साथ ही अश्विन 7-8 नंबर पर बल्ले से भी प्रभाव छोड़ते हैं।अश्विन से किया गया सवालहमारे साथी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने रविचंद्रन अश्विन का इंटरव्यू लिया। इसमें उनसे पूछा गया- नाथन लियोन ने चोटिल होने से पहले लगातार 100 टेस्ट खेले। किसी भी परिस्थिति में वॉर्न या कुंबले को कभी बाहर नहीं किया गया। आपको क्या लगता है कि ऐसा आपके साथ बार-बार विदेशों में क्यों होता है? इस देखते हुए कि आप शायद भारत के अब तक के सबसे महान नंबर 8 बल्लेबाज भी हैं।क्या रहा अश्विन का जवाब?इसके जवाब में 489 टेस्ट विकेट ले चुके अश्विन ने कहा, ‘मैं इसका उत्तर कैसे ढूंढ सकता हूं… मेरे लिए यह सोचने की कोशिश करना मूर्खता है कि ऐसा क्यों हुआ और यह कैसे बेहतर हो सकता था। इसे देखने का दूसरा तरीका यह है कि ‘कितने लोगों ने 94 टेस्ट खेले हैं?’ मुझे खुशी है कि मैं ऐसा कर पाया। हाल के दिनों में ऐसा हुआ है कि टीम के पास दो क्वालिटी स्पिनर हैं रविंद्र जडेजा और मैं। सौभाग्य या दुर्भाग्य से, दोनों बल्लेबाजी कर सकते हैं। जडेजा की बैटिंग फॉर्म काफी अच्छी रही है और इसी वजह से उन्हें मौका मिला है।रविचंद्रन अश्विन ने आगे कहा- मैं उंगली नहीं डाल सकता और मैं यह पता लगाने की कोशिश नहीं करना चाहता कि मुझे क्यों बाहर किया गया, क्योंकि यह फिर से मेरे कंट्रोल में नहीं है। 2018-19 के बाद से, जब मैं मानसिक और शारीरिक बदलाव से गुजरा, तो मैंने नकारात्मकता को खुद से दूर रखा। जब मैं ड्रेसिंग रूम में होता हूं तो पूरा योगदान करने की कोशिश करता हूं। यदि मेरा इगो बहुत अधिक है तो मैं ड्रेसिंग रूम में बड़ा सफेद हाथी बन जाता हूं। मैं वह बनना नहीं चाहता। अगर मैं खेल रहा हूं तो मैं जीतने के लिए खेल रहा हूं, अगर मैं नहीं खेल रहा हूं, तो मैं भारत की जीत के लिए चीयर करता हूं।’Steven Finn Retires: वर्ल्ड कप के लिए इधर बेन स्टोक्स को मना रही थी पूरी टीम, उधर 34 वर्षीय खिलाड़ी का संन्यासPrithvi Shaw India Team: भारतीय टीम में सिलेक्शन के बारे नहीं सोच रहा, रिकॉर्ड दोहरा शतक जड़ने के बाद बोले पृथ्वी शॉ