नई दिल्ली: युवराज सिंह को भारत के सबसे बड़े मैच विजेताओं में से एक माना जाता है। आंकड़ों और स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्कों से परे, भारतीय क्रिकेट के लिए जो युवराज ने किया है वो हर किसी के बस की बात नहीं। वह भारत के पहले वास्तविक नंबर 4 थे और लगभग अपने करियर के अंत तक वह अपनी पॉजिशन पर बरकरार थे।युवराज के सबसे उत्साही आलोचकों का तर्क होगा कि वह कभी भी टेस्ट में अपनी पकड़ नहीं बना पाए , लेकिन राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गजों के मिडिल ऑर्डर में, कौन अपनी जगह बना सकता था? युवराज ने अपने कवर ड्राइव और अपने एफर्ट लेस छक्कों से खूब नाम कमाया। आज भी, भारत को मध्य क्रम में उनके जितना साफ और आधिकारिक स्ट्राइकर नहीं मिला है।वह भारतीय टीम के लिए सबसे बड़े समर्थक होंगे जब विश्व कप अब से दो महीने बाद दरवाजे पर दस्तक देगा, लेकिन भावनाओं में बहने की बजाय, युवराज शोपीस इवेंट में भारत के वर्ल्ड कप जीतने की संभावना को लेकर चिंतित दिखे। युवराज की अहम चिंता भारत का मध्य क्रम है, जो काफी ज्यादा गया है। केएल राहुल, श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत की चोटों के कारण भारत के पास सूर्यकुमार यादव और संजू सैमसन पर भरोसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। इस बात की पूरी संभावना है कि अगर राहुल और अय्यर समय पर लौटते हैं तो मिडिल ऑर्डर में सुधार होगा। लेकिन अगर वे समय के साथ कमबैक नहीं कर पाते हैं, तो युवराज विश्व कप में भारत की संभावनाओं को लेकर ज्यादा पॉजिटिव नहीं लगे।Prithvi Shaw और Yashasvi Jaiswal के बाद Divyansh Saxena बनेंगे बड़े स्टार: कोच Jwala Singhयुवराज सिंह ने भारत के मिडिल ऑर्डर पर जताई चिंताक्रिकेट बासू के यूट्यूब चैनल पर युवराज सिंह ने कहा, ‘मैं एक देशभक्त हो सकता हूं और कह सकता हूं कि भारत जीतेगा क्योंकि मैं एक भारतीय हूं। लेकिन मैं चोटों के कारण भारतीय मिडिल ऑर्डर में बहुत चिंता देखता हूं। अगर उन चिंताओं को दूर नहीं किया जाता है, तो हम संघर्ष करेंगे, खासकर दबाव वाले मैचों में। दबाव के खेल में प्रयोग न करें। मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने का स्किल एक सलामी बल्लेबाज से बहुत अलग होता है। क्या वहां (टीम प्रबंधन में) कोई है जो मध्य क्रम में खेलने वाले खिलाड़ियों के आसपास काम कर रहा है? यही सवालिया निशान है-मध्य क्रम तैयार नहीं है, इसलिए किसी को उन्हें तैयार करना होगा।’मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने को बताया मुश्किलउन्होंने आगे कहा, ‘ अगर आपके सलामी बल्लेबाज जल्दी आउट हो जाते हैं तो आपको साझेदारी बनाने की जरूरत है। (मध्यक्रम) बल्लेबाज केवल तेजतर्रार स्ट्रोक बनाने वाले नहीं होते हैं जो क्रीज पर आते हैं और हिट करना शुरू कर देते हैं। उन्हें दबाव झेलना पड़ता है, कुछ गेंदें छोड़नी पड़ती हैं और एक साझेदारी बनानी होती है। यह एक कठिन काम है, किसी अनुभवी को वहां होना चाहिए।’Sanju Samson Statement: मैं पिछले 8-9 सालों से… विंडीज पर कहर बरपाने के बाद संजू सैमसन ने बयां किया दर्दWI vs IND: पहले टी20 में मिली हार, दूसरे में पलटवार करने के लिए क्या होगी टीम इंडिया की स्ट्रेटजीInd vs WI: चौंका देगी टीम इंडिया की प्लेइंग XI! लंबे समय बाद दिखेंगे ये खिलाड़ी, इन 11 प्लेयर्स को मौका?