नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) उद्योग जगत ने मंगलवार को कहा कि पहली तिमाही में 20.1 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि दर बताती है कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गयी है। उद्योग मंडल सीआईआई ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर का आर्थिक गतिविधियों पर पड़े प्रतिकूल असर के बावजूद जीडीपी वृद्धि दर बेहतर रहना सुखद है। तुलनात्मक आधार नीचे रहने तथा विनिर्माण एवं अन्य क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 20.1 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई। कोविड-19 की खतरनाक दूसरी लहर के बावजूद यह वृद्धि हासिल की गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े के अनुसार इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 24.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि पिछली कुछ तिमाहियों से सरकार के सुधारों को आगे बढ़ाये जाने का असर अर्थव्यवस्था पर दिख रहा है और यही कारण है कि यह 2020-21 के निम्न स्तर से बाहर आयी है तथा उच्च वृद्धि दर हासिल की गयी। पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा, ‘‘इस समय, घरेलू खपत और निजी निवेश को गति देने की जरूरत है ताकि अर्थव्यवस्था में सकल मांग बढ़े। इससे देश में पूंजी निवेश में तेजी आएगी।’’ एसोचैम ने कहा कि 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक महामारी के खिलाफ एक मजबूती दिखायी है। उद्योग मंडल ने कहा, ‘‘भारत तेजी से कोविड-पूर्व स्थिति की ओर बढ़ रहा है और दुनिया में तीव्र गति से वृद्धि दर हासिल करने वाला देश होगा…. इसके लिये सरकार को दूरगामी सुधारों तथा बुनियादी ढांचा व्यय के रास्ते पर बढ़ना जारी रखने की जरूरत है।’’