नई दिल्ली Indian Oil अपने कमर्शियल और इंडस्ट्रियल ग्राहकों के लिए एक खास सिलेंडर लेकर आया है। कंपनी ने इस सिलेंडर को एक्स्ट्रा तेज (Indane Xtra Tej Cylinder) सिलेंडर का नाम दिया है। इंडियन ऑयल के एक्स्ट्रा तेज सिलेंडर की खासियत यह है कि इसके इस्तेमाल पर आप 5 फीसदी तक ईंधन बचा सकते हैं। इसके साथ ही तेज आंच निकलने की वजह से इसमें खाना भी जल्दी बन सकता है। यह सिलेंडर नीले रंग का है। यह भी पढ़ें: Indian Oil ने दिया नए साल का तोहफा, पहले दिन 100 रुपये सस्ता हुआ LPG सिलेंडरइंडियन ऑयल का एक्स्ट्रा तेज सिलेंडर कमर्शियल और इंडस्ट्री के इस्तेमाल के लिए है। यह घरेलू गैस के रूप में इस्तेमाल करने के लिए नहीं है। Xtra Tej का इस्तेमाल घरेलू कुकिंग के लिए नहीं किया जा सकता है और इसे बड़े प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किया जाता है।समय के साथ ईंधन की भी बचत एक्स्ट्रा तेज सिलेंडर की खास बात यह है कि इसकी फ्लेम काफी तेज होती है यानी यह सिलेंडर तेज प्रेशर से गैस छोड़ता है। साथ ही तेज के इस्तेमाल से 5 फीसदी तक एलपीजी की बचत होती है। अगर तेज सिलेंडर पर खाना पकाया जाए तो इसमें 14 फीसदी तक कुकिंग टाइम बचता है। एक्स्ट्रा तेज सिलेंडर में प्रेशर ज्यादा होता है, इसलिए इसका घरेलू इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। Xtra तेज सिलेंडर की सबसे बड़ी खासियत है कि इसकी लौ (फ्लेम) का तापमान 65 डिग्री तक बढ़ जाता है।कहां से मिलेगा Xtra तेज सिलेंडर?इंडेन एक्स्ट्रा तेज सिलेंडर 19 किलो, 47.5 किलो और 425 किलो के पैक में मिलता है। एक्स्ट्रा तेज सिलेंडर को इंडियन ऑयल के डिस्ट्रीब्यूटर से आसानी से खरीदा सकता है।इंडियन ऑयल की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार एक्स्ट्रा तेज सिलेंडर को जल्द ही पूरे देश में बेचने की योजना है और अभी तेज कुछ ही शहरों में उपलब्ध है। क्या है तेज की तकनीक?इंडियन ऑयल ने व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कैलोरीफिक वैल्यू में बढ़ोतरी कर उच्च ताप के एलपीजी सिलेंडर को एक्स्ट्रा तेज के नाम से तैयार किया है। कैलोरीफिक वैल्यू में इजाफे के लिए एलपीजी में एडिटिव मिलाए गए हैं, जिससे इसकी उष्मा बढ़ गई है। एक्स्ट्रा तेज का पायलट प्रोजेक्ट करीब दो साल पहले कर्नाटक में शुरू हुआ था, इंडियन ऑयल की रिसर्च टीम ने लंबे समय काम करने के बाद इसे अमली जामा पहनाया था।यह भी पढ़ें: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के देश भर में ताबड़-तोड़ छापे, ये कंपनियां दायरे मेंMcDonald’s ने फ्रेंच फ्राइज की बिक्री पर क्यों लगाया ब्रेक