G20 से पहले वर्ल्ड बैंक हुआ भारत का मुरीद, मोदी सरकार की जमकर की तारीफ – world bank impressed with india digital public infrastructure

नई दिल्ली : G20 शेरपा अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि भारत में समिट की अध्यक्षता की एक अहम बात यह है कि दुनिया मानती है कि भारत ने डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए तकनीक के क्षेत्र में असल में क्रांति लाई है। भारत ने डिजिटल पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर का अनूठा मॉडल तैयार किया है। वर्ल्ड बैंक की ओर से तैयार G20 दस्तावेज में भी डिजिटल क्रांति को लेकर भारत की प्रगति की सराहना की गई है। कांत ने कहा कि जब हमने अपनी अध्यक्षता की शुरुआत की थी तो डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में ज्यादा बात नहीं होती थी लेकिन फाइनैंस और शेरपा दोनों ट्रैक ने इसे फॉलो किया। यह हमारी बड़ी उपबल्धि रही है, दुनिया ने माना कि इस क्षेत्र में हमने क्रांतिकारी कदम उठाया है। आधार, को-विन, यूपीआई, डिजीलॉकर, भाषिनी जैसे भारत स्टैक की सफलता को दुनिया ने सराहा है। जब भारत को G20 की अध्यक्षता मिली थी तब दुनिया कोरोना से उपजी बेरोजगारी और कर्ज जैसी कई परेशानियों से जूझ रही थी, लेकिन भारत ने बड़ी कामयाबी से G20 बैठकों का आयोजन किया। लोगों के आम जीवन को बेहतर बनाया।डिजिटल करंसी दुनिया के लिए हैरानीG20 के मुख्य समन्वयक हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि डिजिटल तकनीक पर खासा ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने G20 इवेंट को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि मीडिया सेंटर में कुछ प्रदर्शनियांआयोजित की हैं। हमारे पास भारतीय रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब है, जो फिर से मीडिया सेंटर में है। यह इनोवेशन हब उन फिनटेक तकनीकों को दर्शाएगा जिन्हें अभी तक पब्लिक डोमेन में पेश नहीं किया गया। ये अभी भी पायलट चरण में हैं। उनमें से एक केंद्रीय बैंक डिजिटल करंसी है, जिसके जरिए इंटरनैशनल मीडिया के लोग, जिनके पास भारत में बैंक खाता नहीं है, वे अपने मोबाइल वॉलेट में कुछ पैसे प्राप्त कर सकेंगे। प्रॉडक्ट्स को खरीदने के लिए डिजिटल रूप से इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि बहुपक्षीय विकास बैंकों और IMF जैसे संस्थानों को सुदृढ़ करने के लिए गहन चर्चा हुई है। लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाले मुद्दों को वैश्विक केंद्र में लाना ही G20 में भारत की अध्यक्षता का लक्ष्य रहा है। बैठकों में बैंकों की मजबूती, देशों को कर्ज संकट से निकालने, समावेशी तकनीकों और उत्पादन बढ़त पर चर्चा हुई है और इस पर सहमति भी बनी है।6 साल में 5 दशकों की उपलब्धि भारत ने हासिल की: वर्ल्ड बैंकभारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की तारीफ करते हुए वर्ल्ड बैंक के दस्तावेज में कहा गया कि भारत ने केवल 6 वर्षों में ऐसी उपलब्धि हासिल कर ली है, जिसे पूरा करने में लगभग पांच दशक लग जाते। प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) खातों की संख्या मार्च 2015 के 147.2 मिलियन से तीन गुना बढ़कर जून 2022 तक 462 मिलियन हो गई, इनमें से 56 फीसदी यानी 260 मिलियन से ज्यादा बैंक खाते महिलाओं के हैं। इंडिया स्टैक ने KYC प्रक्रियाओं को डिजिटल और सरल बना दिया है, जिससे लागत कम हो गई है। E-KYC का इस्तेमाल करने वाले बैंकों की अनुपालन लागत 0.12 डॉलर से घटकर 0.06 डॉलर हो गई। लागत में कमी ने कम आय वाले ग्राहकों को सेवा के लिए ज्यादा आकर्षक बना दिया। नए प्रॉडक्ट डिवेलप करने के लिए लाभ अर्जित किया। भारत का डेटा एंपावरमेंट एंड प्रोटेक्शन आर्किटेक्चर (DEPA) व्यक्तियों को उनके डेटा पर नियंत्रण देता है।भूपेंद्र शर्मा के बारे मेंNavbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐपलेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें